“पुलिस गुंडई के शिकार पीड़ित वनकर्मियों के अनुसार राजगीर थानाध्यक्ष, पुलिस निरीक्षक, आरक्षी उपाधीक्षक के अलावे पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में उन सबों को पुलिसकर्मियों के द्वारा बेरहमी से पिटाई की गई है…”
नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। वन कर्मियों की बेरहमी से पिटाई करने वाले राजगीर थानाध्यक्ष विजेंद्र कुमार सिंह को डीआईजी राजेश कुमार ने निलंबित कर दिया है।
कहा जाता है कि विगत दो नवंबर की रात राजगीर के फॉरेस्ट गेस्ट हाउस में एक पुरानी एलइडी टीवी और सेटबाक्स की चोरी अज्ञात अपराधियों द्वारा की गई थी। अपराधी 15 की संख्या में हथियार से लैस होकर आये थे। एक वनकर्मी किशोरी राजवंशी को बन्दूक के कुन्दे से मारपीट कर कर टीवी चोरी कर ले गये।
इस संबंध में वन विभाग द्वारा राजगीर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी। इसी घटना को लेकर राजगीर थाना पुलिस 9 नवम्बर की शाम से कुल पांच वनकर्मियो को थाने और जंगल में ले जाकर बेरहमी से पिटाई की। सभी बेकसूर पीड़ितों का ईलाज राजगीर सदर अस्पताल में किया जा रहा है।
घटना की जानकारी मिलते ही सीएम नीतीश कुमार के साथ राजगीर आये डीआईजी राजेश कुमार वेणुवन पहुंचे। जहाँ मारपीट से घायल वनकर्मी अपने अधिकारियों को आपबीती सुना रहे थे।
मौके पर एसपी सुधीर कुमार पोरिका, एएसपी अजय कुमार, नगर आयुक्त सौरभ जोरवाल, डीएफओ डा नेशामणि के एवं पदाधिकारी मौजूद थे। घटना की पूरी जानकारी लेने और पीड़ितों से पुछताछ करने के बाद डीआईजी ने राजगीर थानाध्यक्ष को निलंबित करने का आदेश दिया। इसकी पुष्टि डीएफओ एवं अन्य अधिकारियों ने की।
पीड़ित वन कर्मियों के अनुसार वे 2003 से वन विभाग में 254 रुपये प्रतिदिन मजदूरी पर काम कर रहे हैं। विभाग द्वारा उन सबों की वरीयता सूची भी बनाई गई है। समान काम के बदले समान वेतन भी नहीं मिल रहा है । ऊपर से पुलिस झूठे आरोप लगाकर उन लोगों को तंग तबाह और मारपीट कर बुरी तरह घायल कर दिया है।
किशोरी राजवंशी की माने तो अपराधी 15 की संख्या में थे। सभी हथियार से लैस थे। घटना की सूचना देने के कई घंटे बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी। वह अपराधियों की धरपकड़ करने के बजाय वनकर्मियों को ही पकड़ कर मारपीट कर रही है ।
इधर अपने ही सहकर्मियो की पिटाई के विरोध में सभी वनकर्मियो ने काम बन्द कर मारपीट करने वाले पुलिस पदाधिकारियों और पुलिस कर्मियों को निलंबित करने माँग कर रहे हैं।