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      डॉ. अभय सागर मिंज की दूसरी कृति ‘आदिवासी दर्पण’ पुस्तक का हुआ लोकार्पण

      राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। डॉ. अभय सागर मिंज द्वारा लिखित एवं अन्नपूर्णा प्रकाशन,राँची द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘आदिवासी दर्पण’ का लोकार्पण संत ज़ेवियर स्कूल, डोरंडा, राँची ऑडिटोरियम में शुक्रवार संध्या में किया गया।

      ज्ञातव्य हो कि डॉ. अभय सागर मिंज वर्तमान समय में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची के सहायक प्राध्यापक के साथ लुप्तप्राय देशज भाषाओं और संस्कृतियों के अंतरराष्ट्रीय प्रलेखन केंद्र के निदेशक भी हैं। वह राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आदिवासियों के मुद्दों को ससमय उठाते रहते हैं।Dr. Abhay Sagar Minjs second work Adivasi Darpan book released 2

      कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत, गान के साथ किया गया तथा उन्हें शाल ओढ़ाकर और सजीव पौधा देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत झारखंडी संस्कृति को प्रदर्शित करती स्कूली बच्चियों द्वारा संक्षिप्त सांस्कृतिक कार्यक्रम के  प्रस्तुती के साथ की गई।

      इस अवसर पर मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन ने कहा कि यह पुस्तक पूरे आदिवासी समाज ही नहीं बल्कि समाज का दर्पण है ख़ास बात यह है कि यह एक आदिवासी लेखक द्वारा रचित आदिवासियों की दशा पर लिखित पुस्तक, आदिवासी महिला को लोकार्पण का अवसर मिला है। यह व्यक्तिगत रूप से मेरे तथा संपूर्ण आदिवासी समाज के लिए बहुत विशेष दिन है। यह पुस्तक आदिवासी समाज को जानने का नया आयाम प्रस्तुत करेगी जो  आदिवासियत को जीवंत रखने में काफ़ी महत्वपूर्ण है।

      कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि संत ज़ेवियर स्कूल की सेवानिवृत शिक्षिका श्रीमती माला बोस अपने सर्वाधिक प्यारे विद्यार्थियों में से एक इस पुस्तक के लेखक डॉ. मिंज को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि यह व्यक्तिगत रूप से उनके तथा पूरे ज़ेवियर स्कूल परिवार के लिए गर्व का क्षण है कि उनके विद्यार्थी ने समाज को नई दिशा दिखलाने के लिए निरंतर क्रियाशील है और लगातार प्रदेश-देश-विदेश में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं।Dr. Abhay Sagar Minjs second work Adivasi Darpan book released 1

      फ़ादर अजीत कुमार खेस(एस.जे.) ने कार्यक्रम के अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि यह कार्यक्रम हमारे विद्यालय परिवार का अपना कार्यक्रम है और डॉ. मिंज बधाई के पात्र हैं जिन्होंने आदिवासी समाज की वाजिब चिंता को किताब में चिन्हित किया है जो निश्चित तौर पर एक दर्पण की तरह है।

      स्वागतुत्सुक के रूप में स्कूल के प्रधानाध्यापक स्वयं फ़ादर इग्नेशियस लकड़ा थे जिन्होंने कहा कि ऐसे विद्यार्थी से ही हमारे स्कूल को निरंतर गौरवान्वित होने और वर्तमान विद्यार्थियों को प्रेरित होने का अवसर मिलता है। यह पूरे विद्यालय परिवार के लिए एक सामूहिक उपलब्धि हैं इसी तरह डॉ मिंज के जैसे बाक़ी छात्र भी कोशिश करें जिससे विद्यालय की कृति पताका ऊँचाई में लहराता रहे।

      सम्मानित अतिथियों में मुख्य रूप से श्री महादेव टप्पो, श्री मेघनाथ सर, श्री बीजू टप्पो और लेखक डॉ मिंज की माताजी श्रीमती एम बखला परिवार के सदस्यों के साथ-साथ भारी संख्या में दोस्त, सहकर्मी और छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

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