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कहीं सीएम हालत देख उखड़ न जाएं,सीओ ने घंटों खड़े होकर सडक पर यूं धुलवाई शौच

nagarnausa odf cm program 1एक्सपर्ट मीडिया न्यूज । एक तरफ जहां समूचे नालंदा में खुले में शौच को लेकर पूरी सरकारी महकमा जी जान लगाये हैं, वहीं बिहार के सीएम नीतिश कुमार के नालंदा दौरे के दौरान प्रशासन की ओर से ऐसी कार्रवाई की गई, जिसे लोग चटखारे के साथ खूब चर्चा और आलोचना कर रहे हैं।

दरअसल, सीएम नीतिश कुमार का नगरनौसा प्रखंड के गोराइपुर  पंचायत अंतर्गत अहियातपुर गांव में दिवंगत जदयू नेता सुबोध प्रसाद को श्रद्धाजंलि और परिजनों को सांत्वना देने को बाद कछियावां पंचायत के अकैड़ गांव में स्वर्गवासी पूर्व  मुखिया देवेंद्र प्रसाद उर्फ़ दुलारी मुखिया के श्राद्धभोज me   भाग लेने का कार्यक्रम था।

इस दौरान सीएम की सुरक्षा में लगे खुफिया विभाग ने कार्यक्रम से पहले निर्धारित मार्ग का अवलोकन किया। इस क्रम में रामघाट-भोभी-हिलसा मुख्य लिंक पथ के मोउद्दीनपुर गांव के पास सड़क किनारे खुली शौच का ऐसा नजारा देखा कि उस मार्ग से पैदल तो दूर, किसी वाहन से गुजरना दुश्वार था।

तब खुफिया विभाग ने इस समस्या से जिला प्रसाशन को अवगत कराया। जिला प्रशासन ने इसकी जिम्मेवारी नगरनौसा अंचलाधिकारी को सौंपा। अंचलाधिकारी ने लोदीपुर पंचायत समिति सदस्य के पति को समस्या समाधान को पकड़ा।

फिर क्या था। सीओ साहेब सड़क पर जम गये। पंचायत समिति सदस्य के पति ने डीजल पम्प सेट और पटवन में प्रयुक्त डिलेवरी पाइप की व्यवस्था किया। 6-7 मजदूर लगाये गये। पूरी सड़क par  बिखरे मल मूत्र को पम्प पानी के प्रेसर से साफ किया गया। उस पर मजदूरों द्वारा झाड़ू लगवा कर भारी मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया। इस कार्य में करीब 4-5 घंटे लगे।

इन सारे काम को किस सरकारी मद से किया गया है, यह तो सफाई स्थल पर अंतिम तक डटे रहे अंचलाधिकारी ही बता सकते है। वहीं, पंचायत समिति सदस्य के पति का कहना है कि किसी को कोई मजदूरी नहीं दी गई है। पंप सेट का भाड़ा और डीजल भी नहीं मिला है। डिलेवरी पाइप भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। सीओ साहब के कहने पर सब कुछ किया है। अगर उनके स्तर से खर्च मिला तो ठीक है, अन्यथा खुद की जेब से वहन करगें, और कर भी क्या सकते हैं।

जाहिर है कि सारा प्रशासन महकमा इस बात से चिंतित था कि कहीं खुले में शोच के आलम को सीएम साहब न देख लें और अफसरों पर उखड़ न जायें।

मोहीउद्दीपुर गांव में स्वच्छता अभियान का आलम यह है कि यहां अभी सरकारी शौचालयों के निर्माण की सही ढंग से शुरुआत भी नहीं की गई है। यह गांव पिछड़ा व दलित बहुल है। अमुमन यहां की औरत-मर्द सड़क किनारे ही अधिक शौच करते हैं। कथार्थ इनका शौचालय अभी सड़क ही है। प्रशासन द्वारा ऐसे गांवो को प्रथमिकता नहीं दिया जाना समझ से परे है।

लेकिन यहां पर सारा ठीकरा सिर्फ प्रशासन के सिर फोड़ना भी सही NAHI  हैं। कमोवेश यही स्थिति इस मार्ग पर रामघाट के पास है। जबकि इसके ठीक सामने स्थानीय विधायक हरिनारायण सिंह का नीजि आलीशान घर है। कभी विधायक को इस दिशा में कोई प्रयास करते देखा-सुना नहीं गया।

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