रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क / नारायण विश्वकर्मा)। ओरमांझी ब्लॉक के चकला के ईर्द-गिर्द एनएचआई द्वारा तीसरी बार सर्वे कराने से भू-स्वामियों के बीच भ्रम की स्थिति है. इसके अलावा वे भयादोहन के भी शिकार हैं. दिलचस्प बात ये है कि इस प्रकरण में रांची जिला भू-अर्जन कार्यालय को कोई अधिकृत जानकारी नहीं है।
इस मामले में रांची के पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने भी इसका प्रतिकार किया है. उनका कहना है कि आखिर किसके आदेश से फिर से नापी हो रही है.
जिला भू-अर्जन कार्यालय को कोई जानकारी नहींः तीन दिन पूर्व चकला मोड़ से भाया ब्लॉक चौक डोमा पुल तक के रैयत भूस्वामी को मिले नोटिस की बाबत इसकी तह में जाने के लिए एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क के मुख्य संपादक मुकेश भारतीय ने रांची जिला भू-अर्जन कार्यालय से जब संपर्क साधा तो कुछ और ही पता चला.
बातचीत के क्रम में रांची जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अंजना दास ने इस मामले में किसी भी जानकारी से साफ इंकार किया.
एनएचआई ने डीएलएओ से नहीं मांगी है अधियाचनाः उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीएलएओ की ओर से कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, और न इस मामले में एनएचआई ने भू-अर्जन कार्यालय से कोई अधियाचना मांगी है. इस पर मुकेश भारतीय ने कहा कि मैडम भू-अर्जन कार्यालय का भी कर्मचारी इस काम में बखूबी भूमिका निभा रहा है.
डीएलएओ ने अमीन को लताड़ लगायीः डीएलएओ ने इसकी पुष्टि के लिए कार्यालय के बड़ा बाबू व अन्य दो-तीन कर्मचारियों को बुलाकर पूछताछ करनी शुरू की, तो पता चला कि भू-अर्जन कार्यालय का अमीन तपेश्वर भी इसमें शामिल है.
इसकी पुष्टि होने के बाद मैडम अमीन पर बिफरते हुए कहा कि तुमने किसकी इजाजत से एनएचआई के साथ मिलकर नापी-जोखी में साथ दे रहे हो? अमीन सही ढंग से अपनी साफगोई पेश नहीं कर सका.
इसके बाद डीएलएओ ने अमीन को सख्त हिदायत दी कि तुम एनएचआई के किसी अधिकारी के साथ नापी-जोखी नहीं करोगे.
एनएचआई अधिकारी ने कहा-सर्वे का काम जारी रहेगाः इस बीच एनएचआई के एक अधिकारी को फोन कर अद्यतन जानकारी मांगी गई. उधर से उस अधिकारी ने कहा कि एक बार फिर सर्वे कराया जा रहा है, और ये जारी रहेगा.
डीएलएओ ने कहा कि लेकिन इस संबंध में भू-अर्जन कार्यालय को कोई जानकारी है, फिर कैसे नापी हो रही है? इस दौरान एनएचआई के अधिकारी से मुकेश भारतीय की भी फोन पर बात करायी गयी।
उन्हें जब वस्तुस्थिति की जानकारी दी गई तो, उन्होंने कोई संतोषप्रद जबाव देने के बजाय सीओ के नोटिस का जबाव देने और उसमें ही सारे मामले का उल्लेख करने की बात करने लगे।
सीओ ने रैयतों को 7 मार्च तक की मोहलत दीः बताते चलें कि ओरमांझी अंचलाधिकारी ने चकला मोड़ से भाया ब्लॉक चौक डोमा पुल तक के रैयत भू-स्वामियों को बिना पड़ताल किए एक नोटिस थमा दिया है।
नोटिस में अधिग्रहण को अतिक्रमण करार देते हुए 7 मार्च तक जबाब मांगा है, जिसमें अतिक्रमणकारियों को यहां से हटाने का जिक्र है.
सीओ को भी सटीक जानकारी नहींः अंचलाधिकारी द्वारा जारी नोटिस में प्रायः वैसे रैयत भू-स्वामी के नाम शामिल हैं, जिनकी एनएचआई 4 लेन रोड निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि के आलावा जमीन बची हुई है।
वहीं दूसरी ओर जमीन नापी की गड़बड़ी के दौरान उनसे बात की गई थी तो उनका कहना था कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है कि कौन किस मकसद से नापी करा रहा है।
जमीन का पूरा मुआवजा भी नहीं मिलाः श्री भारतीय ने डीएलएओ को बताया कि एनएचआई द्वारा फोर लेन रोड निर्माण के समय उनके पिताजी के नाम से निबंधित जमीन में ढाई डिसमिल जमीन अधिग्रहित की गई। उसके बाद उस भूमि पर निर्मित मकान को हटा दिया गया।
उन्होंने जानकारी दी कि मकान का पूरा मुआवजा भी नहीं दिया गया। उतनी ही जमीन का मुआवजा दिया गया, जितनी भू-अर्जन कार्यालय द्वारा अधिग्रहित की गई थी। बाकी शेष भूमि पर उनका पुराना मकान का हिस्सा ही अवशेष बचा है।
नापी में कइयों के मकान टूटने की आशंकाः उन्होंने बताया कि एक माह पहले कुछ लोगों ने बिना कुछ बताए खुद को भू-अर्जन और एनएचआई का अमीन-अफसर बताते हुए नापी की। नापी के अनुसार तो शेष जमीन और अवशेष मकान से पीछे की पूरी जमीन ही चली जा रही है. कमोवेश यही स्थिति सभी प्रभावित भूस्वामियों की है। इसके कारण रैयत कई तरह की आशंकाओं से घिरे हुए हैं.
एनएचआई की मनमानी से पूर्व सांसद ने विरोध जतायाः पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि इस बार एनएचआई मनमानी करती है तो, इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। अगर तुरंत सर्वे का काम बंद नहीं किया गया तो, सड़क से लेकर कोर्ट तक की लड़ाई लड़ी जाएगी। किसी भी सूरत में अब भू-स्वामियों की जमीन नहीं लेने दी जाएगी।
पूर्व सांसद ने बताया कि वे बतौर मेंबर ऑफ पार्टियामेंट, ब्लॉक चौक ओरमांझी के विकास और सुरक्षा की बात करते रहे हैं। यहां स्पीड ब्रेकर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यहां एक गोलचक्कर बनाने की मांग करते रहे हैं। लेकिन एनएचआई ने कभी इसपर ध्यान नहीं दिया।
आखिर ओवर फ्लाई ब्रिज की बात किसने उड़ायी?: उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर यहां ओवर फ्लाई ब्रिज बनाने की बात किसने उड़ायी? इसकी जांच होनी चाहिए. यदि ऐसा हुआ है तो पूरे ब्लॉक चौक की रौनक खत्म हो जाएगी. ये इलाका स्लम एरिया में तब्दील हो जाएगा। वहीं यहां के हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर आफत आ जाएगी. कई लोग तो बेघर हो जाएंगे.
पूर्व सांसद ने छुटभैये नेताओं को चेतायाः पूर्व सांसद ने गुमराह करने वाले कुछ छुटभैये नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि वे विनाश के नक्शे पर विकास की छद्म राजनीति करने से वे बाज आएं। लोगों के लिए रोजगार की बजाय उन्हें उजाड़ने की बात न करें।
12 साल बाद फिर भूस्वामियों को नोटिसः उल्लेखनीय है कि चकला मोड़ से भाया ब्लॉक चौक डोमा पुल तक फोरलेन रोड निर्माण के दौरान कई बार नापी की जा चुकी है. उसके बाद वरीय अफसरों की उपस्थिति में तय मानक के अनुरुप लोगों के मकान भी तोड़वाए गए थे। उसके बाद सड़क निर्माण का काम पूरा कर लिया गया।
लेकिन 12 साल बाद फिर उन भूस्वामियों को नोटिस जारी की गई है, जिनकी जमीन भू-अर्जन दस्तावेज में शेष बची हुई हैं। इस पूरे प्रकरण में भू-अर्जन कार्यालय, अंचलाधिकारी और एनएचआई आगे क्या रुख अपनाता है, यह बड़ा सवाल है?