रांची। झारखण्ड विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष द्वारा लाये कार्यस्थगन प्रस्ताव को हालांकि विधानसभाध्यक्ष ने अमान्य कर दिया। बाबजूद विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमला करता रहा। इसके विधानसभाध्यक्ष ने सदन भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी।
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य में जालियांवाला बाग की स्थिति है। आश्चर्य इस बात की है जो अनुभवी है, संसदीय प्रणाली के जानकार है, वे चीरहरण करते हैं, गाली गलौज करते हैं।
हेमन्त सोरेन ने स्पीकर की तुलना इसी दौरान भीष्म पितामह से कर दी कि जैसे वे गलत कार्यों के देखने के बावजूद मौन रहे, ठीक उसी प्रकार स्पीकर भी मौन साधे हुए है। उन्होंने कहा कि वे गद्दार नहीं है कि सब कुछ देखते हुए चुप हो जाये और प्रतिकार नहीं करें।
हेमन्त सोरेन ने यह भी कहा कि कभी यही सदन पूर्व में एके सिंह मामले पर निर्णय लिया था तथा एके सिंह को पदमुक्त किया था। पर आज मुख्यसचिव राजबाला वर्मा को लेकर सरकार मौन क्यों हैं। आखिर उन्हें पदमुक्त क्यों नहीं कर रही? ये समझ से बाहर हैं।
इधर झाविमो नेता प्रदीप यादव ने कहा कि मुख्य सचिव, डीजीपी, एडीजीपी मामले में पूरे राज्य की साख दांव पर लग गई है। इसलिए विपक्ष चाहता है कि प्रश्नकाल को रोककर स्पीकर कार्यस्थगन प्रस्ताव को मंजूर करते हुए सदन में इस पूरे प्रकरण पर चर्चा कराएं।
उन्होंने यह भी कहा कि अब तो सत्ता पक्ष के मंत्री ही सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में अब सदन में चर्चा कराने में दिक्कत क्यों आ रही है।
सदन में विपक्ष के इस हंगामा के बीच सीएम रघुवर दास सत्ता पक्ष के लोग भी मौजूद थे।