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सीएम ने जनता दरबार में सुनी 66 लोगों की फरियाद, अफसरों को दिए निर्देश

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को आयोजित जनता के दरबार में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 66 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

CM heard the complaints of 66 people in the public court gave instructions to the officers 2जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सुपौल जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे गांव में सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है। पहले से हमलोग इसको लेकर गुहार लगा रहे हैं लेकिन सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पश्चिम चंपारण जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरा बिजली बिल अधिक आया जिसकी शिकायत हमने की मगर अब तक कार्रवाई नहीं हुयी है। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

औरंगाबाद जिला से आए एक युवक ने कहा कि मेरे पिता भू-अर्जन पदाधिकारी थे जिनकी मृत्यु नौकरी के दौरान ही वर्ष 1993 में हो गई थी। मेरी मां लगातार विभाग के चक्कर काटती रही मगर आज तक किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली।

जमुई जिले से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 1978 में मेरे पिता की मृत्यु हो गई थी लेकिन आज तक अनुकंपा के आधार पर मुझे नौकरी नहीं मिल सकी है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मधेपुरा जिला से आए एक दिव्यांग ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरे पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। जन वितरण प्रणाली का लाइसेंस मुझे निर्गत करने का आदेश दिया जाए। इसके लिए हमने संबंधित अधिकारियों से गुहार भी लगायी ताकि मैं अपना जीविकोपार्जन कर सकूं।

भागलपुर से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाया कि जन वितरण प्रणाली में उसने आवेदन दिया था। सूची में उसका नाम प्रथम स्थान पर आया फिर भी उसको दुकान आवंटित नहीं किया गया और कम अंक पानेवाले को अलॉट कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को जांचोपरांत उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मधेपुरा जिला के महादलित टोले से आए युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि हमारे महादलित परिवार वाले टोला में सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। इसके लिए हम लगातार संबंधित विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाते रहे मगर अब तक इस पर कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को जांचकर उचित कार्य करने का निर्देश दिया।

भागलपुर जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे घर की छत के ऊपर से ऊर्जा विभाग द्वारा 11 हजार वोल्ट का तार लगा दिया गया है, जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना होने की आशंका बनी रहती है। इस संदर्भ में हमलोगों ने ऊर्जा विभाग में कई बार शिकायत की, परंतु आज तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जांचकर उचित कार्रवाई की जाए।

भागलपुर जिले के नाथनगर से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि नाथनगर में चंपा नदी है। उसके चारों तरफ नगर निगम ने कचड़ा डंप करके उसको नाला बना दिया है। इसके साथ चंपानगर में जितने भी सिल्क इंडस्ट्रीज हैं उनके जितने भी कचड़े हैं वो भी सारे को चंपा नदी में बहाया जा रहा है लेकिन अब तक इसको लेकर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई जिससे आस पास प्रदूषण फैल रहा है और पर्यावरण पर उसका बुरा असर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग से मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सहरसा जिले के बनगांव दक्षिण से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि गली नाली योजना के तहत काम तीन माह पहले ही पूरा कर दिया गया है। किए गए काम की 60 फीसदी राशि का भुगतान अबतक किया गया है। शेष राशि के लिए लगातार विभाग की दौड़ लगा रहा हूं। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सहरसा जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि ग्रामीण सड़क निर्माण के बाद इसका अनुरक्षण नहीं हो रहा है और रास्ते का अतिक्रमण भी कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, गन्ना उद्योग विभाग एवं विधि विभाग से संबंधित विषय निर्धारित थे।

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