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CAA, NPR और NCR के खिलाफ 25 को बिहार विधानसभा मार्च का ऐलान

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एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के इसलामपुर प्रखंड के सुभाष उच्च विद्यालय में अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा (खेग्रामस) द्वारा नागरिकता संशोधन कानून कानून को लेकर जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया…

कार्यशाला को संबोधित करते हुए खेग्रामस के राष्टीय महासचिव धीरेंद्र झा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और देश भर में एनपीआर,एनआरसी और सीएए के खिलाफ जनता का आंदोलन भारत के संविधान, लोकतंत्र और एकता को बचाने का आंदोलन है। यह कानून धर्म के आधार पर भेद-भाव करता है। जो असंवैधानिक है। संविधान की धारा-14 का उल्लंघन है। संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी में 19 लाख लोग बाहर हो गए जिसमे 13 लाख लोग हिन्दू हैं, कोई 1 लाख गोरखा मूल के हैं और 50 हजार से ज्यादा बिहार के प्रवासी मजदूर हैं। अगर इसे लागू किया गया तो भारत के 30 करोड़ भूमिहीन लोग, 2 करोड़ गृहविहीन, 15 करोड़ घुमन्तु जातियां और करीब 9 करोड़ आदिवासियों को सबसे ज्यादा परेशानी होगी। इन लोगों के पास जमीन और जन्म से संबंधित प्रमाण पत्र जुटाना काफी मुश्किल होगा।MALE NEWS1

श्री झा ने कहा कि इस कानून को लेकर बिहार के राज्य सरकार का दोमुंहा चरित्र सामने आया है। जब हमारी पार्टी माले के विधायकों ने बिहार विधा सभा मे नागरिकता कानून एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने कहा तो इसे ठुकरा दिया। इसे बिहार में नही लागू नहीं करने दिया जाएगा।

इस मौके पर माले जिला सचिव कॉम सुरेंद्र राम ने कहा कि भाजपा के फ़ासीवादी हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना के बतौर इस कानून को लाया गया है। जिसमें दलित-पिछड़ों-गरीबों-महिलाओं और मुस्लिमों के लिए कोई जगह नही है और न ही विरोध का कोई आवाज स्वीकार है।

उन्होंने आगामी 25 फरवरी को बिहार विधानसभा मार्च का भी एलान किया। ताकि इसे बिहार में लागू करने से नीतीश सरकार को रोका जाय।

इस कार्यशाला में रामधारी दास, मनमोहन, उमेश पासवान, प्रमोद यादव, अशोक कुमार, कृष्णा प्रसाद महेंद्र प्रसाद,शत्रुघ्न कुमार सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी।

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