बिना वांछित योग्यता रखने वाले अन्य राज्य के बहुत सारे अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा बीपीएससी टीआरइ-वन और टू में सफल घोषित कर दिया गया है। जबकि बिहार से बाहर अन्य राज्य के अभ्यर्थियों को न तो आरक्षण का किसी प्रकार का लाभ दिया जाना है और न ही अहर्तांक में कोई छूट देय है…
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ ने बीपीएससी अध्यक्ष व सचिव को पत्र लिख कर माध्यमिक शिक्षा निदेशक के जारी पत्र का अनुपालन करने की मांग की है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि न्यायादेश के आलोक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी पत्र में साफ है कि बिहार से बाहर अन्य राज्य के अभ्यर्थियों को न तो आरक्षण का किसी प्रकार का लाभ दिया जाना है और न ही अहर्तांक में कोई छूट देय है।
उक्त याचिका से यह भी स्पष्ट है कि बिना वांछित योग्यता रखने वाले अन्य राज्य के बहुत सारे अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा बीपीएससी टीआरइ-वन और टू में सफल घोषित कर दिया गया है। साथ ही विभिन्न जिलों से यह भी शिकायत प्राप्त हो रही है कि दिव्यांग कोटि में भी अन्य राज्य के अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया गया है।
इस संदर्भ में अन्य राज्य की जिन महिलाओं का रिजल्ट सामान्य महिला के लिए आरक्षित पदों पर चयन हुआ है उनका रिजल्ट निरस्त कर सूची जारी की जाये। अन्य राज्य की जिन महिलाओं का है, यदि उनका सीटीइटी में प्राप्तांक 60% से कम यानि 90 अंक से कम है, उनका भी रिजल्ट निरस्त कर सूची जारी की जाये।
दिव्यांग कोटि में अन्य राज्य के जिन अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, उनका भी रिजल्ट निरस्त कर सूची जारी की जाये। तीन कारणों से जो पद रिक्त होते हैं, उन पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी कर बिहार के मूल निवासी योग्य अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया जाये। यथाशीघ्र इस संबंध में कदम उठाया जाये, नहीं तो संघ उच्च न्यायालय में बिहार लोक सेवा आयोग के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर करने को बाध्य होंगे।
संघ का आरोप, कई जगहों पर हुई है चूकः संघ ने आरोप लगाया है कि कई जगहों पर चूक हुई है। संघ ने कहा कि बीपीएससी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कर रहा था, जिसे शिक्षा विभाग ने रोक दिया था। शिक्षा विभाग ने उस समय कहा था कि खुद वेरिफिकेशन करेंगे। लेकिन वेरिफिकेशन नहीं हुआ और ज्वाइन करा लिया गया। काउंसेलिंग के दौरान अभ्यर्थियों से हस्ताक्षर कर डॉक्यूमेंट जमा कराया गया था, डॉक्यूमेंट का अब तक मिलान नहीं हो रहा।
केवल औरंगाबाद जिला अपने स्तर से काम कर रहा है। बीपीएससी ने 50 प्रतिशत राज्य की महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर भी अन्य राज्यों की महिलाओं का रिजल्ट जारी कर दिया। बीपीएससी ने राज्य की बाहरी महिलाओं और दिव्यांग मामलों में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया। बस रिजल्ट जारी कर दिया। बीपीएससी ने आवेदन की स्क्रूटनी भी नहीं की।
नौवीं से 10वीं तक हिंदी विषय में दिव्यांग कोटि के तहत 35 बाहरी और आठ राज्यों के स्थायी निवासी का हुआ है चयनः बीपीएससी की ओर से शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के दूसरे चरण में नौवीं से 10वीं हिंदी विषय में दिव्यांग कोटे में सबसे अधिक बिहार से बाहर वाले अभ्यर्थियों का चयन हुआ। हिंदी विषय में कुल 43 दिव्यांग अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसमें से 35 दिव्यांग अभ्यर्थी बिहार के स्थायी निवासी नहीं है। वहीं, आठ अभ्यर्थी बिहार के स्थायी निवासी हैं।
आरटीआई से खुलासे के बाद विभिन्न शिक्षक संगठनों में रोष है। बीपीएससी ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि 23 दिसंबर, 2023 को जारी विद्यालय अध्यापक परीक्षा में दिव्यांग कोटे के तहत बिहार के स्थायी निवासी पांच पुरुष का चयन किया गया है। वहीं, अन्य राज्यों से 28 पुरुष अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।
वहीं, बिहार के स्थायी निवासी तीन महिलाओं का चयन हुआ है, जबकि राज्य के बाहर की सात महिलाओं का चयन हुआ है। यह आंकड़ा केवल नौवीं से 10वीं हिंदी विषय का है। इस पर संघ ने दिव्यांग कोटि में आरक्षण का लाभ दूसरे स्टेट के अभ्यर्थियों को भी देने का आरोप लगाया है।
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