पटना शास्त्री नगर थाना का ASI पचास हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की राजधानी पटना में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पटना शास्त्री नगर थाना में तैनात सहायक उप-निरीक्षक (ASI) अजित कुमार को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Department) की विशेष टीम द्वारा की गई, जिसने शिकायत के आधार पर जाल बिछाकर ASI को पकड़ा। इस घटना ने स्थानीय पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम को और मजबूती दी है।
सूत्रों के अनुसार निगरानी विभाग को एक स्थानीय निवासी ने लिखित शिकायत दी थी। जिसमें बताया गया कि ASI अजित कुमार एक मामले में मदद करने के नाम पर 50,000 रुपये की रिश्वत मांग रहे थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि अजित कुमार ने एक आपराधिक मामले में आरोपित को राहत देने के एवज में यह राशि मांगी थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए निगरानी विभाग ने त्वरित कार्रवाई की।
निगरानी ब्यूरो के डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में एक विशेष धावा दल का गठन किया गया। इस दल ने शिकायत की सत्यता की जांच की और पुष्टि होने पर एक योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू की। शिकायतकर्ता को रिश्वत की राशि के साथ ASI के पास भेजा गया, और जैसे ही अजित कुमार ने रिश्वत की रकम ली, निगरानी की टीम ने शास्त्री नगर थाना क्षेत्र में लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के पास उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
यह कार्रवाई तब हुई, जब ASI अजित कुमार शिकायतकर्ता से रिश्वत की राशि ले रहे थे। निगरानी की टीम ने पहले से ही क्षेत्र को घेर लिया था और जैसे ही रकम का लेन-देन हुआ, टीम ने तुरंत हस्तक्षेप कर ASI को हिरासत में ले लिया। इस दौरान अजित कुमार ने प्रतिरोध करने की कोशिश की, लेकिन निगरानी की चुस्त कार्रवाई के आगे उनकी एक न चली। गिरफ्तारी के बाद उन्हें निगरानी ब्यूरो के मुख्यालय ले जाया गया। जहां उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
ASI अजित कुमार की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही शास्त्री नगर थाना में सन्नाटा छा गया। थाने के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच इस घटना ने चर्चा का विषय बना लिया है।
बता दें कि बिहार में निगरानी विभाग ने हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को तेज किया है। इससे पहले भी पटना के विभिन्न थानों में कई पुलिसकर्मी और सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं। उदाहरण के तौर पर फरवरी 2025 में रूपसपुर थाने के दो दारोगा, फिरदौस आलम और रंजीत कुमार, 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए थे। इसी तरह मई 2025 में दीदारगंज थाने के ASI अभिनंदन को भी 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।
निगरानी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। कोशिश है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जाए। इस तरह की कार्रवाइयां अन्य अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी हैं कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ASI अजित कुमार पिछले कई वर्षों से शास्त्री नगर थाने में तैनात थे। उनके खिलाफ पहले भी कुछ शिकायतें मिली थीं, लेकिन इस बार निगरानी विभाग ने ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई की। सूत्रों के मुताबिक अजित कुमार पर पहले भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात सामने आई थी, लेकिन इस बार रिश्वत के मामले में उनकी गिरफ्तारी ने उनके करियर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गिरफ्तारी के बाद ASI अजित कुमार को निगरानी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। निगरानी विभाग उनकी संपत्ति और बैंक खातों की भी जांच कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उन्होंने पहले भी रिश्वत के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित की है।