“इस मामले में कार्रवाई होने पर आगे चल कर मुख्यमंत्री रघुवर दास भी फंस सकते हैं। झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर चुनाव आयोग की टीम ने मामले की जांच की थी।”
रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। वर्ष 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान वोट खरीदने को लेकर रांची पुलिस ने शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
दोनों को भादवि की धारा 171(बी) और 171 (सी) के तहत आरोपी बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश चुनाव आयोग ने जून 2017 में ही दिया था। लेकिन सरकार प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर टाल-मटोल करती रही।
पिछले नौ मार्च को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने सरकार को दुबारा पत्र लिखा, जिसमें जल्द से जल्द प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।
दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद सरकार के अवर सचिव अविनाश चंद्र ठाकुर ने जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकि दर्ज करवाया।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों राज्य सरकार ने जून 2017 के आदेश के आलोक में चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था।
जिसमें जून 2017 के आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था।
इसके बाद चुनाव आयोग का रिमाइंडर राज्य सरकार को मिलने के बाद यह माना जा रहा है कि आयोग ने राज्य सरकार के आग्रह को मानने से इंकार कर दिया है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग का आदेश आने के बाद सरकार ने मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार का पद समाप्त कर दिया था।
मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार योगेश किशलय को हटा कर उनके स्थान पर अजय कुमार को प्रेस सलाहकार बनाया था।
यह पूरा मामला वर्ष 2016 में हुए राज्य सभा चुनाव का है।
एडीजी और अजय कुमार पर आरोप लगा था कि उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए कांग्रेस के विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच दिया। साथ ही धमकी भी दी।
वीडियो सीडी, जो अब यू-ट्यूब पर भी उपलब्ध है, उसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास भी दिखते हैं।
वे विधायक निर्मला देवी के पति योगेंद्र साव से बात कर रहे हैं।
जांच में आरोप सही पाये जाने के बाद आयोग ने जून 2017 में एडीजी और राजनीतिक सलाहाकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।