औरंगाबाद (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा TRE 1.0 में एक अजीबोगरीब सनसनीखेज फर्जीबाड़ा सामने आया है। अभ्यर्थी ने आवेदन मे योग्य डिग्री का जिक्र किया है और चयन होने के बाद उस अभ्यर्थी द्वारा बांछित डिग्री की जगह बीएड की डिग्री जमा की है। इस अभ्यर्थी का चयन 1-5 वर्ग की शिक्षिका पद पर हुई है।
औरंगाबाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने शैलेश कुमारी TRE 1.0 के विद्यालय अध्यापक, मध्य विद्यालय पड़रावाँ जिला-औरंगाबाद से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।
उन्होंने आज 14 मई, 2024 को जारी पत्र में लिखा है कि आपकी (शैलेश कुमारी) नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 26/2023 के आलोक में हुई है, परन्तु आपके द्वारा उपस्थापित प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र के अवलोकन से स्पष्ट है कि आपकी योग्यता विद्यालय अध्यापक हेतु समुचित नहीं है।
शैलेश कुमारी द्वारा वर्ग 1-5 सामान्य अभ्युक्ति आवेदन पत्र में प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में द्विवर्षीय डिप्लोमा अंकित करते हुए अंक पत्र बीएड का संलग्न किया गया है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने आगे लिखा है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश एवं विज्ञप्ति के आलोक में आपके (शैलेश कुमारी) प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र में पायी गयी त्रुटि के आलोक में आपकी (शैलेश कुमारी) उम्मीदवारी निरस्त करने योग्य है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने आगे लिखा है कि आप (शैलेश कुमारी) तीन दिनों के अंदर स्पष्ट करें कि क्यों न आपके अभ्यर्थित्व को निरस्त करते हुए आपका औपबंधिक नियुक्ति पत्र को रद्द किया जाय। समयावधि में जवाब नहीं प्राप्त होने पर यह माना जायेगा कि इस संदर्भ में आपको कुछ नहीं कहना है एवं तदावलोक में विभाग द्वारा अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी।
ऐसे में सवाल उठना लाजमि है कि बिहार लोक सेवा आयोग से लेकर बिहार शित्रा विभाग की संबंधित नियोजन ईकाई ने शैलेश कुमारी की नियुक्ति किस प्रक्रिया के तहत हो गई? क्या परीक्षा और नियोजन के दौरान कोई जांच-पड़ताल नहीं की गई? वेशक यह मामला आयोग और विभाग की कार्यशैली पर भी उंगली उठाता है।
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