पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार राज्य की 4165 ग्राम पंचायतों और ग्राम कचहरियों को कार्यालय और कोर्ट संचालित करने के लिए अपना पंचायत सरकार भवन उपलब्ध हो जायेगा। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित पंचायतों के पंचायत सरकार भवनों का उपयोग बाढ़ राहत शिविरों के रूप में भी किया जा सकेगा।
पंचायती राज विभाग ने राज्य में इस वित्तीय वर्ष में 4165 नये पंचायत सरकार भवनों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से आधे दो हजार पंचायत सरकार भवनों का निर्माण स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संस्थान द्वारा जबकि आधा 2165 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा कराया जायेगा। लक्ष्य के विरुद्ध 3067 पंचायती राज विभाग की ओर से सामान्य क्षेत्र और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए राशि स्वीकृत की गयी है।
पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता के अनुसार स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन द्वारा सामान्य क्षेत्रों में निर्मित किये जानेवाले प्रति पंचायत सरकार भवन की लागत एक करोड़ 99 लाख 92 हजार जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निर्मित होनेवाले पंचायत भवन की लागत दो करोड़ 86 लाख 30 हजार है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तीन करोड़ पांच लाख से बनेंगे प्रति भवनः भवन निर्माण विभाग द्वारा सामान्य क्षेत्र में पंचायत सरकार भवन के निर्माण की लागत दो करोड़ 50 लाख 23 हजार 129 रुपये है, जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रति पंचायत सरकार भवन के निर्माण की लागत तीन करोड़ पांच लाख होगा। सामान्य क्षेत्र में पंचायत सरकार भवन का निर्माण अब *6600 वर्ग फीट में होगा। इसी प्रकार से बाढ प्रभावित क्षेत्रों में 8924 वर्ग फीट में भवन का निर्माण कराया जायेगा। बाढ प्रभावित क्षेत्रों में पंचायत सरकार भवन बहुउद्देशीय होगा। जिसमें बाढ़ राहत के लिए दो अतिरिक्त बड़े हॉल का प्रावधान किया गया है।
भवन में कर्मचारियों के बैठने की होगी व्यवस्थाः पंचायत सरकार भवन में पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, पंचायत स्तर के कर्मचारियों जिसमें कार्यपालक सहायक, एकाउंटेंट, जूनियर इंजीनियर, मनरेगा कर्मी, इंदिरा आवास सहायक, राजस्व कर्मचारी, कृषि सलाहकार, विकास मित्र जैसे कर्मचारी के बैठने की व्यवस्था रहेंगी। पंचायत सरकार भवन में बैंकों को शाखा खोलने के लिए भी स्थान दिया जायेगा।
इसके अलावा ग्राम कचहरी के न्यायालय कक्ष, अभिलेखों के संरक्षण के लिए रेकर्ड रूम, स्टोर रूम, पंचायत की स्थायी समिति की बैठकों के लिए हॉल, नागरिकों के लिए स्वागत कक्ष, महत्वपूर्ण कर्मियों के लिए आवासीय खंड, कंप्यूटराइज्ड सेवा देने के लिए सेवा केंद्र, पैंट्री और शौचालय की व्यवस्था होगी।
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