नगरनौसा, नालंदा (INR)। पूरे देश मे आठ नबम्बर से 500सौ व 1 हजार रुपये के बंद होने से देश की भीतर बिगड़ी नगदी अर्थव्यवस्था अबतक नही सुधर पाई हैं।
सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी ग्रामीण इलाकों में अबतक पर्याप्त नगदी व्यवस्था उपलब्ध नही करबा पाई।जबकि नोटबन्दी होने से नगदी की सबसे ज्यादा अर्थव्यवस्था ग्रामीण इलाकों में प्रभावित हुआ था।
नोटबन्दी हुए पांच माह से भी ज्यादा बीत जाने के बाबजूद भी अतबक ग्रामीण इलाकों में नगदी संकट जस का तस बना हुआ । नगदी संकट से ग्रामीण इस तरह तस्त है कि उन्हें उनके अपने पैसे बैंक में जमा होने के बाबजूद भी उन्हें अपना पैसा जरूरत के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में निकासी नही हो रहा हैं।
जबकि भारतीय रिजब बैंक द्वारा 13 मार्च से ही पूरे देश मे नगदी निकासी की तय सीमा को खत्म करते हुए लोगो को पर्याप्त पैसे बैको से निकालने की आजादी दे दी थी लेकिन आज शादी विवाह के इस मौसम में भी लोगो को बैंक से पर्याप्त पैसे नही मिलने से लोग हलाकान है ।
खास कर जिन घरों में जहाँ मांगलिक, सामाजिक व धार्मिक आयोजन होने है उनको सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।कुछ ऐसा ही समस्या नगरनौसा प्रखंड में कार्यत वित्तिय संस्थाओ में व्याप्त है जहाँ प्रखंड मुख्यालय से लेकर प्रखंड क्षेत्र के सुदूर ग्रामीण इलाको में कार्यत वित्तिय संस्थान(बैंक) में पर्याप्त नगदी नही उपलब्ध होने से पैसे निकालने के चक्कर मे आये लोगो को घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद भी उनके जरूर के अनुसार उन्हें पर्याप्त पैसे नही मिल पा रहा हैं।
बता दें की नगरनौसा प्रखंड मुख्यालय से लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में कुल छः वित्तिय संस्थान(बैंक)कार्यत है। जिसमे प्रखंड मुख्यालय नगरनौसा में तीन बैंक पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, मध्य बिहार ग्रामीण बैंक कार्यत हैं।
वहीं प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में महमदपुर गांव में मध्य बिहार ग्रामीण बैंक, भोभी गांव में मध्य बिहार ग्रामीण बैंक व खीरु बिगहा गांव में पंजाब नेशनल बैंक कार्यत हैं।बैंक से निकालने पैसे आये रंजीत कुमार, सतीश कुमार, अभिषेक कुमार, रामाशीष प्रसाद, मनीष कुमार, सिमा कुमारी, खुसबू कुमारी, डौली कुमारी, नेहा कुमारी, स्वेता कुमारी सहित दर्जनों उपभोगताओं ने कहा कि बैकों में पर्याप्त नगदी उपलब्ध नही होने से बैंक कर्मचारी द्वारा तय राशि दिया जाता हैं।जो हमारे जरूत के अनुरूप कम होता हैं। अभी खास कर शादी का मौसम चल रहा।
लोगों ने बताया कि ऐसे में बैको द्वारा जरूत के अनुरूप कम पैसे निकलने के चक्कर मे पूरा प्लांनिग खत्म हो जाता हैं।कम से कम सरकार को ऐसे वक्त में बैको को पर्याप्त मात्रा में नगदी उपलब्ध कराना चाहिए जिससे लोगो को उनके जरूत के अनुरूप पैसा मिल पाए।