पटना ( एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क )। बिहार में अवैध बालू से अकूत काली कमाई के खेल में शामिल आइपीएस अधिकारी राकेश दुबे और सुधीर पोरिका को लेकर नीतीश सरकार काफी सख्त दिख रही है। हालांकि इन दोनों पुलिस अफसरों की पहले भी कई मामलों संदिग्ध भूमिका रही है, लेकिन बतौर आरा एसपी राकेश कुमार दुबे और बतौर औरंगाबाद एसपी सुधीर कुमार पोरिका के भ्रष्ट आचरण को काफी गंभीरता से लिया है।
सरकार के निर्देश पर फिलहाल दोनों की निलंबन अवधि बढ़ा दी गई है। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन दोनों भ्रष्ट्र पुलिस अफसरों की निलंबन अवधि 22 जनवरी, 2022 तक के लिए बढ़ा दी गई है। इस अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार निलंबन अवधि के दौरान इन दोनों अफसरों के खिलाफ अब तक हुई पड़ताल में व्यापक पैमाने पर अवैध संपति अर्जित किए जाने की पुष्टि हुई है। दोनों अफसरों पर गंभीर धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई तय है।
बता दें कि गृह विभाग के ज्ञापांक 7268 एवं 7269 में कहा गया है कि बालू माफिया से कनेक्शन और आय से अधिक संपत्ति मामले में सस्पेंड किए गए आइपीएस अधिकारी राकेश कुमार दुबे और सुधीर कुमार पोरिका की निलंबन अवधि 22 जनवरी 2022 तक बढ़ा दी गई है।
बालू के अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करने, इसमें शामिल माफिया की मदद, अधीनस्थ अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होने को देखते हुए अवैध बालू खनन में मिली भगत के आरोप में आइपीएस सुधीर कुमार पोरिका और राकेश कुमार दुबे को 27 जुलाई 2021 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
भ्रष्ट्राचार के इन दोनों बड़े आरोपी अफसरों को पहले दो माह के लिए निलंबित कर दिया गया था, जिसकी समय सीमा 24 सितंबर 2021 को पूरी हो रही है। परंतु सरकार ने फिलहाल इनकी निलंबन अवधि को अगले चार महीने के लिए बढ़ा दी गई है। जिसे आगे भी जारी रखा जा सकता है।
आश्चर्यजनक है कि दोनों अफसरों को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए एक माह का समय दिया गया था, लेकिन दोनों का कोई बचाव पक्ष लिखित या बयान के तौर पर प्राप्त नहीं हुआ है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की गयी है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार नालंदा के बाद औरंगाबाद के एसपी बनाए गए आइपीएस सुधीर कुमार पोरिका पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने केस होना तय माना जा रहा है।
गृह विभाग ने इन पर आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई करने के लिए ईओयू के एडीजी को लिखित आदेश जारी किया है।
विभाग के स्तर से जारी निलंबन आदेश में ही इसका स्पष्ट तौर पर जिक्र किया गया है। इससे यह तय हो गया है कि अगला डीए केस पूर्व एसपी पोरिका पर होना तय है। ईओयू जल्द ही इससे संबंधित कार्रवाई करने जा रही है।
भोजपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार दुबे के पटना समेत कई ठिकानों पर आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने छापेमारी की थी। जिसमें करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का पता चला था।
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