एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। अपनी जनाधार बचाने की जद्दोजहद में जुटी झारखंड कांग्रेस को अब राज्य की सत्ता चाहिए। वे यहाँ के सीएम हेमंत सोरेन की जगह पूर्व सीएम मधु कोड़ा की सांसद पत्नी गीता कोड़ा को कुर्सी पर बैठाने की योजना में जुटे हैं। गीता कोड़ा को कांग्रेस नेतृत्व ने हाल ही में प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।
दरअसल, सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा के सांसद प्रतिनिधि बाहुबली नेता योगेंद्र शर्मा उर्फ मुन्ना शर्मा का चटखारे के साथ एक वीडियो वायरल हो रहा है। जोकि गीता कोड़ा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद आयोजित स्वागत समारोह का है। जिसमें भ्रष्टाचार के चर्चित मामलों को लेकर जेल गए पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी उपस्थित थे।
कहा जाता है कि मुन्ना शर्मा का अपराधिक इतिहास रहा है। वे जाने-माने मजदूर नेता वीजी गोपालन हत्याकांड मामले में बतौर मुख्य अभियुक्त जेल की हवा खा चुके हैं। उन्हें बतौर आरोपी जेल भेजने वाले कोई और नहीं, बल्कि तात्कालीन जमशेदपुर एसपी अजय कुमार ही थे, जो बाद में सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए।
वैसे मुन्ना शर्मा आदित्यपुर नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी भी रह चुके हैं। ये बाहुबली नेता नेता भले ही अदद निकाय चुनाव जीत न सके हों, लेकिन वीडियो में राज्य की गद्दी से सीएम हेमंत सोरेन को हटाकर सांसद गीता कोड़ा को बिठाने की सिंह गर्जना जरुर कर रहें हैं।
यही नहीं, वायरल वीडियो में मुन्ना शर्मा यह भी दावा करते दिख रहे हैं कि गीता कोड़ा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की जानकारी उन्हें पहले से थी, मानो कांग्रेस आलाकमान ने गीता को पदासीन करने के फैसला मुन्ना से अंदरुनी विचार विमर्श करने के बाद ही लिया हो।
खैर, 2021 का कांग्रेस है। कुछ भी हो सकता है। बीते सोमवार को कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद श्रीमती कोड़ा जमशेदपुर और सरायकेला दौरे पर थीं। जहां कांग्रेसियों ने उनका काफी गर्मजोशी से स्वागत किया।
उसी स्वागत के दौरान आदित्यपुर अटल पार्क सभागार में उत्साह से लबरेज कांग्रेसी बाहुबली नेता मुन्ना शर्मा ने गीता कोड़ा को सीएम मेटेरियल के रूप में प्रोजेक्ट कर दिया।
उन्होंने यहां तक कह डाला, कि राज्य की गद्दी पर सीएम हेमंत सोरेन नहीं, गीता कोड़ा चाहिए। वैसे स्वागत के उन्माद में शायद कांग्रेसी नेता ये भूल गए, कि राज्य में सत्ता कैसे हासिल हुई है। अगर गठबंधन नहीं हुआ होता तो गद्दी तो दूर कुर्सी के लिए पूछनेवाला विगत 10 सालों से कोई नहीं था।
वैसे मुन्ना शर्मा के बयान पर पार्टी के आला नेताओं ने किनारा कर लिया है। वहीं मुन्ना शर्मा के इस बड़बोलेपन ने राज्य की सियासत को अलग ही हवा दे दी है। अब झामुमो और विपक्ष की इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया सामने आती है, यह देखने वाली बात होगी।
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