“स्पेशल कोर्ट (पॉस्को) ने सीआरपीसी की धारा-319 के तहत सभी 22 लोगों को आरोपी बनाने और इनके खिलाफ ट्रायल चलाने का आदेश दिया है…
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। झारखंड राज्य के जमशेदपुर नगर अवस्थित मानगो सहारा सिटी में नाबालिग से दुष्कर्म और देह व्यापार कराने के मामले ने अब नया मोड़ आ गया है।
खबरों के मुताबिक मामले की सुनवाई कर रही स्पेशल कोर्ट (पॉस्को) एडीजे-5 सुभाष कुमार की अदालत ने पीड़िता की मां की अर्जी मंजूर कर ली।
इस अर्जी में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के भाई गुड्डू गुप्ता, तत्कालीन डीएसपी अजय केरकेट्टा और तत्कालीन एमजीएम थानेदार इमदाद अंसारी सहित कुल 22 लोगों को आरोपी बनाने की अपील की गई थी।
पीड़िता की मां ने इस साल 3 मार्च को कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इसमें आरोपियों के नाम तो थे, पर पते नहीं थे। एक जुलाई को फिर सभी 22 लोगो के नाम-पते के साथ संशोधित अर्जी दाखिल की और इन्हें अभियुक्त बनाने की मांग की।
मामला 2018 का है। दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद पीड़िता की मां के बयान में 19 जनवरी 2018 को मानगो थाने में इंदरपाल सैनी, शिवकुमार महतो, श्रीकांत महतो व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
श्रीकांत जमानत पर है, जबकि शिवकुमार और इंद्रपाल सैनी जेल में है। मामले में डीएसपी और थानेदार का नाम भी आया था, पर जिला पुलिस और सीआईडी ने दोनों को क्लीन चिट दे दी थी।
इस घटना के बाद डीएसपी और थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया गया था। तीन महीने बाद पुलिस ने दोनों अफसरों को क्लीन चिट दे दी।
इसके बाद पीड़िता की मां ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के शिकायत कोषांग में आवेदन दिया। सीएम ने जांच सीआईडी को सौंपी। सीआईडी ने भी 21 सितंबर 2020 को एडीजे-5 सुभाष कुमार की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी।
इसमें दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने पर क्लीन चिट दी गई थी। सभी रास्ते बंद होने के बाद पीड़िता की मां ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सभी को आरोपी बनाने का अनुरोध किया।
पीड़िता ने बताया कि एक बार इंद्रपाल उसे जंगल ले गया था, जहां पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। एमजीएम थाना ले गई।
वहां डीएसपी अजय केरकेट्टा और थानेदार इमदाद अंसारी जांच के नाम पर उसे थाना कैंपस के एक कमरे में ले गए और दुष्कर्म किया।
इस घटना के बाद गोमिया की तनुश्री उसे थाने से छुड़ा ले गई और एनएच पर कई होटलों में देह व्यापार कराया। जब सेठ को पता चला तो उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत की।
पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को एमजीएम थाने के उस कमरे को भी दिखाया, जहां पुलिस अधिकारियों ने उससे दुष्कर्म किया था। साथ ही उन होटलों की भी जानकारी दी।
बता दें कि 14 नवंबर 2019 को पीड़िता ने एडीजे-5 की अदालत में बयान दर्ज कराया था। उसने कहा था कि उसके साथ करीब दो दर्जन लोगों ने दुष्कर्म किया है। वह सहारा सिटी के डेल्टा अपार्टमेंट में नानक सेठ के यहां काम करती थी।
इंद्रपाल सैनी सेठ का कर्मचारी था, जबकि शिवकुमार महतो सहारा सिटी का इलेक्ट्रिशियन और श्रीकांत महतो असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन था। नवंबर 2016 में पहली बार शिवकुमार महतो ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
घटना वाले दिन सेठ के फ्लैट की बिजली चली गई थी। शिवकुमार मरम्मत के लिए आया और अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। वीडियो भी बना लिया। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उनसे कुछ लोगों के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।
वीडियो का पता चलने के बाद इंद्रपाल सैनी ने भी उसके साथ दुष्कर्म कर वीडियो बना लिया और देह व्यापार के लिए मजबूर करने लगा। इंद्रपाल ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
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