“मुजफ्फरपुर एसएसपी की सफाई के बाद पप्पू कह रहे हैं, मैडम – बंद समर्थकों का वीडियो दिखा सच को झूठला रहीं हैं। कोई बंद समर्थक हमले का वीडियो क्यों बनाएगा और देगा….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। मुजफ्फरपुर के खबड़ा में 6 सितंबर को किसी हमले से इंकार करने वाले एसएसपी हरजोत कौर के बयान के खिलाफ कार्रवाई की मांग सांसद पप्पू यादव ने कर दी है। कहा है, लोक सभा अध्यक्ष के पास भी शिकायत करेंगे। उन पर मधुबनी जाने के रास्ते में खबड़ा में बंद समर्थकों ने जानलेवा अटैक किया।
उन्होंने कहा – मुझसे कहा जा रहा है कि अटैक का कोई वीडियो है, तो दीजिए। गजब की बात की जा रही है। हम सभी हमलावरों से उलझे थे। किसी तरीके से बचकर निकलना था। जान बचाते कि वीडियो बनाते, एसएसपी साहिबा को जरुर बताना चाहिए। वीडियो बनाते तो और भी मारे जाते।
पप्पू यादव ने कहा – पीछे से मुझ पर भी वार किया गया। चोट है, डॉक्टर ने इलाज किया है। चलिए, मेरा छोड़ दीजिए। मेरे साथ रहे सीआरपीएफ के जवानों का बयान रिकार्ड कर लीजिए। सच छुपेगा नहीं। आपको मालूम हो जाएगा कि स्थिति क्या थी। और फिर जब हम सभी घिर गए थे, तो सीआरपीएफ ने अपने पटना मुख्यालय को तुरंत क्या सूचना दी थी। दूसरे जवानों को भी चोट लगी है, जिनका इलाज किया गया है। साथ रहे कार्यकर्ता और नेता भी चोट खाए हैं।
मधेपुरा सांसद बोले – जब कुछ हुआ ही नहीं था, तो फिर मुजफ्फरपुर पुलिस हमले के आरोप में पहचान कर लोगों की गिरफ्तारी क्यों कर रही है। पप्पू कहते हैं कि कल के हमले को वे कभी भूल नहीं सकते हैं। 51 साल की जिंदगी हो गई, पर ऐसी सूरत कभी नहीं देखी थी। मां-बहन की जितनी गालियां मिलीं, कह नहीं सकता। दिक्कत है कि जिंदगी और राजनीति की शैली अब बदल नहीं सकता, बदल दें तो सभी की फट जाएगी।
पप्पू यादव कह रहे हैं – दरअसल एसएसपी अपने दोष को छुपा रहीं है। मेरे कार्यक्रम की जानकारी उन्हें पहले से थी। तब फिर रास्ते में क्यों एस्कॉर्ट नहीं दिया गया। बंद समर्थकों का उत्पात इतना था तो आगे नहीं जाने की एडवाइजरी क्यों नहीं दी गई। बिहार में मुझ पर और श्याम रजक पर ही हमला क्यों हुआ। एसएसपी को बताना चाहिए कि जान रक्षा के लिए मैंने कितनी बार फोन किया, लेकिन पहले कॉल रिसीव नहीं किया गया। सब कुछ रिकार्ड में है ।
सांसद का आरोप है कि मीडिया के कई साथी भी बंद समर्थकों के उपद्रव के शिकार हुए हैं। एसएसपी जिस कॉल के आधार पर मुझसे बात होने का दावा कर रहीं हैं, वह कॉल भी उन्होंने नहीं मैंने ही किया था, जो अंत में रिसीव हुआ था। पप्पू कह रहे हैं– पागल नहीं हूं, जो मुख्यमंत्री तक को कॉल कर देता।