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    Sunday, November 24, 2024
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      कहता है बिहारशरीफ जीवन ज्योति अस्पताल का संचालक- ‘हां, पैसा छापने के लिये खोली है दुकान’  

      नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ स्थित जीवन ज्योति सुपर स्पेस्लिटी अस्पताल में एक लाश को वेंडीलेटर के सहारे एम्स पटना रेफर करने के मामले को लेकर कई वीडियो प्राप्त हुये हैं।

      biharsarif jeevan jyoti hospital crime 1
      बिहारशरीफ जीवन ज्योति स्पेस्लिटी अस्पताल का ….

      उन वीडियो के देखने के बाद साफ तौर पर स्पष्ट होता है कि इस अस्पताल और इसके संचालक-डाक्टरों की शासन द्वारा  गहराई से करने की जांच-कार्रवाई करने की जरुरत है। क्योंकि डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन यहां धरती के यमराज होने के संकेत मिल रहे हैं।

      कितने शर्म की बात है कि जब संचालक डॉक्टर एक सबाल के जबाव में साफ तौर पर कहता है कि हां, वह सिर्फ पैसा छापने के लिये अस्पताल चलाता है। एक ग्रामीण परिवेश के नागरिक के लिये 2 लाख मामूली रकम नहीं होते। उतनी राशि खर्च होने के दौरान डॉक्टर बताता रहता है कि पेसेंट की हालत ठीक है।

      संचालक के सामने बैठा डॉक्टर स्पष्ट तौर पर कहता है कि उसकी ड्यूटी रात 8 बजे से सुबह 2 बजे तक थी और तब तक मरीज की हालत ठीक थी। उसके पहले और बाद क्या हुआ, वह नहीं बता सकता है। इस डॉक्टर की बातों से साफ होता है कि वह अस्पताल संचालक के दबाव में बोल रहा है।

      biharsarif jeevan jyoti hospital crime 2
      ईलाज करने वाला संदिग्ध डॉक्टर….

      एक वीडियो में संचालक-डॉक्टर कहता है कि दौरान पैसेंट को जीवित अवस्था में पटना रेफर किया जा रहा था। हो सकता है कि एंबुलेस में शिफ्ट करने के दौरान उसकी मौत हो गई होगी। लेकिन तस्वीरे साफ स्पष्ट करती है कि पेसेंट की मौत अस्पताल में पहले ही हो गई थी।

      बता दें कि  अतरी थाना के शहजादपुर गांव निवासी देवकांत देवी अपने भाई को राखी बांधने बाइक पर पीछे सवार होकर भोजपुर जा रही थी कि वेल्लोर घाटी में अनवैलेंस होकर गिर गई, जिससे कि उसके सिर में चोट लगी।

      BIHARSARIF JIVAN JYOTI HOPITAL CRIME

      उसके बाद देवकांत देवी को घायल हालत में बिहारशरीफ स्थित जीवन ज्योति सुपर स्पेस्लिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसे वेंडीलेटर पर रखा गया। परिजनों ने जब भी पसेंट से मिलने की गुजारिश की तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा हर बार यही बताया गया कि पैसेंट की हालत बिल्कुल ठीक है। कभी किसी परिजन को पेसेंट से मिलने नहीं दिया गया।

      परिजनों के अनुसार आज सुबह अचानक परिजनों को बताया गया कि पेसेंट कि मौत हो गई है। यही नहीं, मौत हो जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन एंबुलेस द्वारा वेंडीलेटर लगाकर पेसेंट को पटना एम्स रेफर किया जाने लगा।

      बहुत कुछ कहती है ये वीडियो…..

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