पटना (जयप्रकाश नवीन )। बिहार के पूर्व डीजीपी और छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय हमारे बीच नहीं रहें। 82 वर्षीय श्री सहाय ने रविवार देर शाम को लंबी बीमारी के बाद एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली।
उनके निधन की खबर मिलते ही राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर पैदा हो गई। छत्तीसगढ़ ,त्रिपुरा और बिहार में उनके निधन से शोक की लहर देखी जा रही है। उनके निधन पर शोक संवेदना प्रकट करने वालों का तांता लगा हुआ है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनके निधन से एक महान प्रशासनिक और राजनीतिज्ञ व्यक्तित्व को बिहार ने खो दिया। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। समता पार्टी के निर्माण से ही हमारे साथ जुड़े थे। सीएम ने उनके साथ बिताए पलो को स्मरण भी किया।
वहीं विधान पार्षद रणवीर नंदन ने दिवंगत राज्यपाल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन से उन्हें व्यक्तिगत क्षति हुई है विधान पार्षद श्री नंदन ने स्मरण करते हुए कहा कि छात्र जीवन में महामंत्री रहते हुए मुझे उनका आर्शीवाद मिलता रहा है।
छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है।
2 फरवरी 1936 को बिहार के मधेपुरा में जन्मे दिनेश नंदन सहाय की शिक्षा दीक्षा पटना से शुरू हुई।
उन्होंने अंग्रेजी में एमए किया ।एमए करने के बाद आरा के एच डी काॅलेज में उन्होंने प्राध्यापक की नौकरी कर ली। फिर 1960 में श्री सहाय का चयन बिहार पुलिस सेवा में हो गया । श्री सहाय बिहार के डीजीपी भी रहें।
पुलिस सेवा की नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद वह बिहार की राजनीति में शामिल हो गए।जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में समता पार्टी का गठन किया गया तो 1995 में वे समता पार्टी में शामिल हो गए।
जब मध्यप्रदेश से अलग छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया तो श्री सहाय छत्तीसगढ़ के पहले राज्यपाल बनाएँ गए। वे लगभग तीन साल तक छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रहें ।
इसके बाद जून 2003 में उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जा रहा है।