रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के सचिव सुधीर गुप्ता के वायरल ऑडियो ने राज्य में सनसनी फैला दी है। वायरल ऑडियो में सचिव द्वारा संवैधानिक पद की गरिमा और झारखंड हाई कोर्ट के निर्देशों का मखौल उड़ाते हुए गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने सुधीर गुप्ता को भ्रष्टाचार और झारखंड विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
दरअसल JSSC द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी और आंदोलन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज के कारण मामला पहले ही विवादों में था। झारखंड हाई कोर्ट ने रिजल्ट प्रकाशन पर रोक लगाते हुए पूरे मामले की गहराई से जांच के आदेश दिए थे। इसी बीच सुधीर गुप्ता का एक ऑडियो सामने आया, जिसमें वह कोर्ट के निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बातें कर रहे हैं। ऑडियो में गुप्ता ने कहा, “कोर्ट अपना काम करेगा, आयोग अपना काम करेगा।”
ऑडियो में सचिव द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में पैसे के लेन-देन और दलालों से सांठगांठ की बात भी खुलकर सामने आई है। यह आरोप लगाया गया है कि वह छात्रों को पैसे देने और नियुक्ति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित कर रहे थे।
छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सुधीर गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वायरल ऑडियो से साफ है कि गुप्ता संवैधानिक पद पर रहते हुए न केवल झारखंड हाई कोर्ट के निर्देशों की अवमानना कर रहे हैं, बल्कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की नियमावली को तार-तार कर रहे हैं। महतो ने कहा, “सुधीर गुप्ता झारखंड विरोधी और भ्रष्ट मानसिकता के व्यक्ति हैं, जो झारखंडी छात्रों के भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि छात्र संगठनों का कहना है कि जब तक सुधीर गुप्ता को निलंबित नहीं किया जाता और उच्चस्तरीय जांच सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
गड़बड़ी के विरोध में आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज और गिरफ्तारी भी इस मामले को और तूल दे रही है। छात्र संगठनों ने इसे सरकार की असंवेदनशीलता बताया और राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
देवेंद्र नाथ महतो और अन्य छात्र संगठनों ने सरकार से मांग की है कि सुधीर गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। वायरल ऑडियो की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। झारखंडी छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निष्पक्ष नियुक्ति प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। अगर सरकार इस पर जल्द कार्रवाई नहीं करती है तो यह मामला न केवल झारखंड बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
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