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8 अप्रैल को तय होगा कि हम एनडीए में रहेंगे या नहीं : मांझी

आगामी 8 अप्रैल को पटना की रैली में साफ करेंगे कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) एनडीए के साथ रहेगा या नहीं। बिहार की एनडीए सरकार उनके मंत्रिमंडल में लिए गए सभी निर्णय को लागू नहीं करती है तो वे एनडीए से नाता तोड़ देगें।“

राजगीर, नालंदा (राम विलास)। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकुलर के तत्वावधान में गरीब अति पिछड़ा महादलित दलित एवं वंचित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए हम प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को राजगीर में खुद को समाजसेवक बताते हुए कहा कि पिछले पायदान पर रहने वाले लोगों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाना ही उनका मुख्य उद्देश्य है।

jian ram manjhi in rajgir 2उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी अनुसूचित जाति का विकास नहीं हुआ। उच्च जाति के लोग बुलेट ट्रेन की गति से विकास कर रहे हैं। पिछड़ी जाति के लोग रेलगाड़ी की रफ्तार से और महादलित बैलगाड़ी की स्पीड से आगे बढ़ रहे हैं।

मांझी ने महादलितों को बरगद का पेड़ बताते हुए कहा कि यदि विधानसभा में उनके दल के 50 विधायकों हो जाते हैं तो टीक पकड़ कर दलितों और महादलितों का काम कराने में सक्षम हो सकते हैं। बिहार में भूमि सुधार कानून लागू किया जाना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी केवल बिहार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बंगाल झारखंड उत्तर प्रदेश उत्तराखंड दिल्ली आदि राज्यों में हमरा मजबूत संगठन है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सच्चाई और सादगी में विश्वास रखता है, लेकिन इससे काम नहीं चला तो वह क्रांति ही जानता है।

उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस दिन समान शिक्षा देश और प्रदेश में लागू हो जाएंगे, उसी दिन स्कूल-कॉलेजों में की शैक्षणिक व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हो जाएगा।

उन्होंने कहा बाबा साहब अंबेडकर भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि सबका शिक्षा एक समान। जिस दिन सब की शिक्षा एक समान हो जाएगी, उस दिन अनुसूचित जाति को आरक्षण की जरूरत नहीं होगी। शिक्षा और भूमि सुधार बिहार की सबसे बड़ी समस्या है।

आगामी 8 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में आयोजित महारैली में शामिल होने का न्योता देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की हालत सबसे अधिक बदहाल है। उन्होंने 5 एकड़ तक के किसानों को मुफ्त बिजली दने की मांग की।

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके मंत्रिमंडल में लिए गए 34 निर्णयों को वर्तमान सरकार लागू नहीं करती है तो वे अपनी राह खुद चुनने के लिए स्वतंत्र होगें।

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