” दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में समूचा प्रशासनिक महकमा चीटिंग मुक्त परीक्षा में जुट जाती है। लेकिन उसके बाद किसी को कोई फिक्र नहीं होती। उन्हें भी सिर्फ अपनी मोटी वेतन व आम लोगों की गाढ़ी कमाई से उपलब्ध सुविधा से मतलब होता है। आखिर जब बुनियाद ही इतनी कमजोर होगी तो ईमारत कितनी बुलंद बनेगी? “
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड के बरदाहा पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कटवा रसलपुर में पदस्थापित प्रधानाध्यापिका गायत्री देवी, इनका ग्रेड पे 4600 रुपया और वेतन करीब 54 हजार उठा रहे हैं।मगर इनकी ज्ञान नालंदा में शासन-प्रशासन की जुमलेबाजी की तरह फलीभूत है।
जब एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ टीम ने बिहार से संबंधित कुछ सवाल किए तो इनके जवाब काफी चौंकाने वाले रहे। वे साइंस का स्पेलिंग सही नहीं बता सके। जिस जिला में वह पदस्थापित हैं, वहां के जिलाधिकारी का नाम भी उन्हें मालूम नहीं है।
शिक्षिका ने यहां तक कह दिया कि प्रतिदिन तो जिलाधिकारी बदलते ही रहते हैं। जिस राज्य में वह नौकरी कर रही हैं, वहां के शिक्षा-स्वास्थ्य मंत्री तक का भी नाम नहीं बता सकी।
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राजनीति स्तर के मंत्री और नेता बिहार में प्रतिदिन बदले जा सकते हैं और बदलते भी रहते हैं। मगर जिस जिला में यह शिक्षिका नौकरी करती हैं, यहां के के जिलाधिकारी 3 वर्षों से पदास्थापित हैं?
अब आत्म ज्ञानी सुशासन बाबू के राज में अंदाजा लगा सकते हैं कि ऐसे गुरु उन्हीं के गृह जिले में बच्चों को किस स्तर की शिक्षा दे रहे हैं।