सोगरा वक्फ स्टेट के मुतलवी के सामने पूरा पुलिस-प्रशासन-मीडिया नतमस्तक क्यों है? एक बार फिर बड़ा सवाल उभरकर सामने आया है।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के लहेरी थाना के मथुरिया मोहल्ला निवासी मो. ईरशाद का कहना है कि मुतलवी एस एम शरफ ने उससे एक दुकान आवंटन के नाम पर जनवरी,18 में पांच लाख रुपये लेने के बाद दंबगई पर उतर आया। इसकी शिकायत थाना, सीओ, एसडी से लेकर डीएम तक की लेकिन करीब 9 माह बाद भी कहीं से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इतना ही नहीं, मो. ईरशाद का कहना है कि उसने अपनी पीड़ा लेकर बिहारशरीफ स्थित सभी अखबारों के दफ्तर में भी गया, लेकिन किसी ने भी मुतलवी के सामने एक शब्द भी छापने की हिम्मत नहीं दिखाई।
और तो और एक प्रतिष्ठित दैनिक के कथित ब्यूरो ने उससे सारे प्रमाण लेकर खबर प्रकाशित करने को निश्चिंत किया। बाद में पता चला कि उसने मुतलवी से राशि ऐंठ बैठ गया।
बकौल मो. ईरशाद, वह मो. शमीम खां जिसका सोगरा वक्फ स्टेट भवन के भीतर निवास स्थान है और जो मुतलवी के लिये लेन-देन का काम करता है, उसके साथ 30 जनवरी,2017 की सुबह करीब आठ बजे सोगरा वक्फ स्टेट के मुतलवी एस एम शरफ को उनके आवास पर 5 लाख रुपये दिये।
उसके बदले एक रशीद निर्गत किया गया और कहा गया कि यातायात थाना के सामने रहुई टेम्पो स्टैंड के समीप अम्मेर में एक दुकान का आवंटन किया जायेगा, जिसकी लंबाई 25 फुट और चौड़ाई रोड साइड 22 फुट होगी।
उसके बाद उस जमीन पर दूसरे लोगों द्वारा कार्य आरंभ कर दिया गया और जब उसकी जानकारी मिलने पर मुतलवी एसएम शरीफ से बात की तो उन्होंने जमीन देने साफ इंकार कर दिया। अब उस जमीन पर जमीन माफियाओं द्वारा मार्केट का निर्माण किया जा रहा है। पुनः अनुनय-विनय करने पर मुतलवी ने साफ तौर पर धमकी दिया कि “तुम्हारे जैसे कीड़े-मकोड़े को दो मिनट में कुचल देगें और तुम्हारे परिवार को बाहर फेंकवा देगें।”
बहरहाल, मूल सवाल उठता है कि सोगरा वक्फ स्टेट के मुतलवी के सामने पूरा पुलिस-प्रशासन और मीडिया इतनी पंगु साबित क्यों है। क्या चांदी के जुते वालों के सामने एक आम आदमी के घिसते जुते-चप्पल कोई मायने नहीं रखते?