पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नेपाल पुलिस ने एक बड़े साइबर रैकेट को भांपते हुए ऑनलाइन बेटिंग एप्स (Online Betting App) के जरिए नेपाल और भारत में ठगी करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की। नेपाल पुलिस ने कुल 24 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। जिनमें 10 भारतीय नागरिक और 14 नेपाली नागरिक शामिल हैं। इस गिरोह पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से लोगों से धोखाधड़ी करने का आरोप है।
नेपाली पुलिस के अनुसार, यह गिरोह आठ से अधिक ऑनलाइन बेटिंग साइट्स का उपयोग करके, भारतीय बेटिंग एजेंट्स से वॉट्सऐप के माध्यम से संपर्क साधकर सट्टेबाजी का धंधा चला रहा था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि इस रैकेट ने ऑनलाइन ठगी एप के जरिए एक विशाल रकम को इधर-उधर किया है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की तलाशी और खंगाल-पड़ताल के दौरान पुलिस को ठगी के ठोस दस्तावेज भी प्राप्त हुए। जिससे पता चला कि अपराधियों ने कुल तीन अरब चार करोड़ 73 लाख 56 हजार 612 रुपये की ठगी की है।
नेपाली पुलिस ने इस मामले की जांच काठमांडू उपत्यका अपराध अनुसंधान कार्यालय के सूचना अधिकारी डीएसपी काजी कुमार आचार्य के नेतृत्व में शुरू की थी। जानकारी के अनुसार अपराधियों ने काठमांडू को अपने रैकेट का केंद्र बना रखा था। गिरफ्तारी की कार्रवाई ललीतपुर महानगरपालिका के वार्ड नंबर 2 सानेपा से की गई। जहाँ आरोपी दो मकानों को किराये पर लेकर अपना ऑपरेशन चला रहे थे।
गिरफ्तारों में भारतीय और नेपाली दोनों नागरिक शामिल हैं। भारतीय संदिग्धों में बिहार के सीवान जिले के मेखपुरा निवासी प्रभात कुमार साह, यूपी के सुल्तानपुर जिले के रामपुर बरौली निवासी अजीत कुमार, देवरिया के रामपुर निवासी रवि प्रकाश विश्वकर्मा, रामपुर के ही रवि अभिषेक ओझा, देवरिया के वनकटा निवासी शिवम पांडेय, बलिया जिले के मनोज कुमार, उत्तराखंड के उद्यमपुर जिले के देवनगर स्थित शक्तिफार्मा के मुकेश मंडल, मध्य प्रदेश के भोपाल के लालगरी निवासी मनोज कुमार बजाज, एशबाग के सुमित खत्री और भोपाल के ओमप्रकाश खत्री शामिल हैं। इनके साथ-साथ 14 नेपाली नागरिक भी गिरफ्तार किए गए हैं।
गिरफ्तारी के दौरान नेपाल पुलिस ने संदिग्धों के कब्जे से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किये हैं। बरामद सामग्री में कुल 57 मोबाइल फोन, 13 लैपटॉप, 34 एटीएम कार्ड, 88 सिम कार्ड, 12 चेकबुक, 8 आधार कार्ड और 6 पासपोर्ट शामिल हैं। यह बरामदगी न केवल साइबर अपराध के साक्ष्य प्रदान करती है, बल्कि आगे की जांच के लिए महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकती है।
इस मामले से स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधियों ने कैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म का उपयोग करके भारी रकम की ठगी कर रहे हैं। नेपाल पुलिस द्वारा इस बड़ी कार्रवाई से न केवल साइबर अपराध के खिलाफ एक सख्त संदेश जाता है, बल्कि भारतीय और नेपाली दोनों देशों में इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए सहयोग की आवश्यकता भी उजागर होती है। मामले की गहराई से जांच जारी है और आगे भी जुर्मानों एवं संभावित आरोपों के आधार पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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