एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। बिहार में नेताओं-नौकरशाहों के लिए कामधेनू बने बालू के अवैध खनन-कारोबार में संलिप्त आइपीएस सुधीर कुमार पोरिका एवं राकेश दुबे समेत 18 पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। कार्रवाई की जद में खनन विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार भी आए हैं।
आलावे जिन अफसरों पर कार्रवाई की गाज गिरी है, उनमें औरंगाबाद और भोजपुर के तत्कालीन एसपी चार एसडीपीओ एक अनुमंडल पदाधिकारी तीन अंचलाधिकारी छह खनन पदाधिकारी और एक एमवीआइ शामिल हैं।
खबरों के मुताबिक सस्पेंड अफसरों में औरंगाबाद और भोजपुर के तत्कालीन एसपी, डेहरी के एसडीओ सुनील कुमार सिंह, चार एसडीपीओ, तीन अंचलाधिकारी, पांच खनन पदाधिकारी और एक मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) भी शामिल हैं।
इन सभी अफसरों को आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के आधार पर पहले ही पद से हटा दिया गया था। अब मंगलवार को निलंबन की कार्रवाई की गई है। सभी अफसरों पर अलग से विभागीय कार्यवाही भी होगी।
इसके अलावा बिहटा के सीओ विजय कुमार सिंह और बिक्रम के सीओ वकील प्रसाद सिंह को उनके पद से हटाते हुए उनकी सेवा उनके पैतृक विभाग क्रमश: सहकारिता विभाग व योजना विकास विभाग में वापस कर दी गई है।
गृह विभाग ने अपने आदेश में भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका की अवैध बालू खनन व ढुलाई में शामिल रहने का आरोप लगाया है।
दोनों अफसरों पर बालू के अवैध उत्खनन, भंडारण एवं परिवहन में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करने, इसमें संलग्न लोगों को मदद पहुंचाने, अवैध उत्खनन व परिवहन में संलिप्त रहने, अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने एवं संदिग्ध आचरण से संबंधित आरोप लगाए गए हैं।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के बाद डीजीपी की अनुशंसा पर निलंबन की कार्रवाई की जा रही है। निलंबन अवधि में दोनों एसपी का मुख्यालय पटना रेंज के आइजी का कार्यालय होगा।
दोनों एसपी समेत सभी 17 पदाधिकारियों को निलंबन अवधि में सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। विभागीय कार्रवाई के लिए आदेश अलग से निर्गत किया जाएगा।
वहीं, औरंगाबाद सदर के तत्कालीन एसडीपीओ अनूप कुमार, भोजपुर के पंकज कुमार रावत, पाली के तनवीर अहमद और डेहरी के संजय कुमार को राज्य के सुरक्षा हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने, कर्तव्य के प्रति उदासीनता, लापरवाही व सरकारी आदेश की अवहेलना के आरोप में सस्पेंड किया गया है।
इन सभी अफसरों को निलंबन अवधि में सक्षम पदाधिकारी के आदेश के बिना मुख्यालय नहीं छोडऩे का निर्देश दिया गया है।
खबरों के मुताबिक बालू के अवैध खेल में अभी और अफसरों पर गाज गिरेगी। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही एक दर्जन से अधिक अफसरों के निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है।