” नालंदा जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से प्राप्त अनुमति प्रतिवेदन के आलोक में राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि से आगामी 17-18 जुलाई को अतिक्रमण हटाने की तिथि मुकर्रर हुई है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मजबूत इंतजाम होगें। इसके लिये अतिरिक्त 150-200 पुलिस सैन्य बल लगाये जायेगें। 17-18 जुलाई को हर हाल में मेला सैरात भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा लिया जायेगा। “
इसकी पुष्टि राजगीर के अनुमंडल पदाधिकारी ज्योति लाल शाहदेव ने भी की है।
बता दें कि प्रमडंलीय आयुक्त सह लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आनंद किशोर के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान राजगीर के अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया थ कि नालंदा जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से प्राप्त अनुमति प्रतिवेदन के आलोक में राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि से आगामी 17-18 जुलाई को अतिक्रमण हटाने की तिथि मुकर्रर हुई है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मजबूत इंतजाम होगें। इसके लिये अतिरिक्त 150-200 पुलिस सैन्य बल लगाये जायेगें। 17-18 जुलाई को हर हाल में मेला सैरात भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा लिया जायेगा।
राजधानी पटना स्थित प्रमडंलीय आयुक्त सह लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आनंद किशोर के समक्ष राजगीर के आरटीआई एक्टविस्ट समाजसेवी पुरुषोतम प्रसाद द्वारा दायर वाद की सुनवाई में नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा, राजगीर के अनुमंडल पदाधिकारी ज्योति लाल शाहदेव, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजय कुमार, अंचलाधिकारी सतीश कुमार, राजस्व कर्मचारी आमोद कुमार के साथ वादी भी सशरीर उपस्थित हुये थे।
राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी के इस प्रतिवेदन के बाद प्रमंडलीय आयुक्त सह लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आनंद किशोर द्वारा वाद की अंतिम सुनवाई की अंतिम तिथि 25 जुलाई को तय कर, की गई कार्रवाई प्रतिवेदित करने के अंतरिम आदेश जारी किये गये हैं।
यह भी बता दें कि पटना प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने अपनी पिछली सुनवाई के अंतरिम आदेश में राजगीर के मलमास मेला सैरात भूमि को 11 जुलाई तक अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश जारी किया था। यह आदेश राजगीर के अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को दिया गया था। इसके साथ ही 11 जुलाई 2017 को प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष उपस्थित होकर अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश द्वय पदाधिकारी को दिया गया था।
प्रमंडलीय आयुक्त ने नालंदा के जिला पदाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक को अपने स्तर से अतिक्रमण मुक्त अभियान का अनुश्रवण करने तथा आवश्यकता अनुसार स्थानीय प्रशासन को संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये थे।