” पिछले 6 जुलाई को वह अपने तीन दोस्तों के साथ हॉस्टल से निकल कर कही गया मगर वापस लौट कर नहीं आया। जब काफी देर तक वह वापस हॉस्टल नहीं लौटा तो उसके साथ गए तीन अन्य दोस्तों ने इसकी जानकारी हॉस्टल प्रबंधन को दिया । हॉस्टल प्रबंधन छात्र को खोजबीन करने के वजाय इसकी जानकारी उसके माता पिता को देकर बैठ गए। “
पुलिस भी सिर्फ कागजी कार्रवाई पूरी कर हाथ पर हाथ धर कर बैठ गयी है । अपने एकलौते पुत्र की तस्वीर को हांथो में लिए बार बार रो रही इस माँ को यह डर सता रहा है कि कही उसके पुत्र के साथ कोई अप्रिय घटना न घट गयी हो । परिवार के सदस्य उसे दिलासा दे रहे हैं कि जल्द ही प्रिंस लौट कर घर चला आ जायेगा।
बताया जाता है कि बिहार थाना इलाके के नालंदा शांति निकेतन के हॉस्टल में रह कर प्रिंस नौवीं क्लास में पढाई करता था । जब उसकी माँ और बहन हॉस्टल पहुंची तो दोनों को देख कर हॉस्टल प्रबंधन बहाना कर कही चले गए । इसके बाद उसकी माँ ने बिहार बिहार थाने में उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया ।
प्रिंस की बहन और पिता हॉस्टल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रही है उनका आरोप है कि हॉस्टल में सारा व्यवस्था रहने के वावजूद बच्चे को बाहर क्यों जाने दिया गया । इसमें हॉस्टल प्रबंधन की सरा सर लापरबाही है ।
वही जब मीडिया की टीम हॉस्टल के डायरेक्टर से उनका पक्ष जानना चाही तो पहले तो उन्होंने हॉस्टल से बाहर रहने की बात कही। जब मीडिया की टीम हॉस्टल पहुंची तो आनन फानन में डायरेक्टर सतीश कुमार हॉस्टल पहुंचे और बोले कि बच्चे को ही खोजने के लिए निकले हुए थे ।
जब छात्र के लापता होने की बात उनसे पूछा गया तो उनके माथे पर पसीना आ गया उन्होंने कहा कि 6 जुलाई को वो हॉस्टल में थे ही नहीं अपने बच्चे को इलाज कराने के लिए पटना चले गए थे इसी बीच गार्ड को टियूशन पढ़ने का बहाना कर तीनो छात्र हॉस्टल से बाहर चला गया ।
प्रिंस अपने माता पिता का इकलौता पुत्र है । आखों में आँसू भरे प्रिंस की माँ को अब मीडिया पर भरोसा है कि खबर दिखाए जाने के बाद शायद पुलिस उनके बच्चे को खोजने का प्रयास करें या कोई उसका सुराग पता चल सके ।