“गले में दुपट्टे का फंदा लगा हुआ था, जिसका दूसरा सिरा पंखे से लगा हुआ था। कमरे में शव के आसपास चूड़ी के टुकड़े, लेडीज अंगूठी, कान की बाली और उसमें लगने वाले मोती बिखरे पड़े थे। दो सेव भी वहां पड़े मिले है।”
रामेश्वर केसरी विश्रामपुर के निवासी था और पत्रकारिता के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में सहिया को ट्रेनिंग देने का काम भी करता था।
रामेश्वर केसरी अक्सर विश्रामपुर स्वास्थ्य केन्द्र में बतौर बीटीटी सहिया सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देता था। जहां सहिया का ट्रेनिंग कार्यक्रम चलता था, उसी कमरे शव पाया गया है।
एसपी ने दिया घटना की पारदर्शी तरीके से जांच का भरोसा : पलामु एसपी इन्द्रजीत माहथा ने कहा कि घटना की बिल्कुल पारदर्शी तरीके से जांच होगी। मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में मौत की समीक्षा रिपोर्ट बनेगी।
एसपी ने कहा कि पोस्ट मार्टम मेडिकल बोर्ड की टीम के द्वारा किया जायेगा। घटनास्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी अच्छे तरीके से होगी। वहां डॉग स्क्वायड को भी भेजा गया है।
गले में दुपट्टे का फंदा लगा हुआ था, जिसका दूसरा सिरा पंखे से लगा हुआ था। कमरे में शव के आसपास चूड़ी के टुकड़े, लेडीज अंगूठी, कान की बाली और उसमें लगने वाले मोती बिखरे पड़े थे। दो सेव भी वहां पड़े मिले है।
इसके अलावा रामेश्वर केसरी का मोबाइल उसी टेबल पर रखा हुआ था। प्रथम दृष्टया यह मामला गला दबाकर हत्या कर उसे आत्महत्या करार देने की कोशिश लगता है।
पत्रकार की मौत पर जिले के पत्रकारों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। झारखंड पत्रकार संगठन ने रामेश्वर केसरी की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
विश्रामपुर में पत्रकार शव को फंदे से उतारने नहीं दे रहे थे। उनका कहना था कि एसपी मौके पर आयें और उचित आश्वासन दें। उसके बाद ही शव का पोस्टमार्टम कराया जायेगा।
सीएचसी के सीसीटीवी फुटेज से सुलझ सकती है हत्या की गुत्थीः विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। कैमरे के फुटेज खंगालने से मामले की गुत्थी सुलझ सकती है।