Home देश सौ वर्षों से लग रहा है हैदरनगर में भूतों का अजीबोगरीब मेला

सौ वर्षों से लग रहा है हैदरनगर में भूतों का अजीबोगरीब मेला

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। आप भूतों की कहानियां घर के बड़े बुजुर्गो से सुना होगा। किताबो में पढ़ा होगा और फिल्मो में देखा होगा। लेकिन पलामू के हुसैनाबाद के हैदरनगर में भूतों के हर तरह की हरकत सच में देखने को मिलता है। जिसे देखकर आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे यहाँ भूत प्रेत नाचते-झूमते है।

PALAMU BHOOT MELA 2 भूतों का ऐसा अजीबोगरीब मेला झारखण्ड के पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के हैदरनगर में पिछले 100 वर्षो से लगता आ रहा है। हुसैनाबाद थाना पलामू के डाल्टेनगंज मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस धाम को शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है। हैदरनगर को भूतों का गाव भी कहा जाता है।

अंधविश्वास है कि जिस किसी बच्चा, स्त्री या पुरुष पर भूतों का छाया रहता है वह भूतों से छुटकारा पाने के लिए इस जगह पर आते हैं और उन्हें यहाँ आने के बाद भूतो से पूर्ण रूप से छुटकारा मिल जाता है। इस स्थान पर पुरे भारत के हर कोने से लोग आते हैं और अपने सैतानिक कष्टों से निवारण पाते है।

इस जगह पर साल में दो बार चैती बसंती नवरात्री एवं शारदिये नवरात्र के वक्त लोगो की भीड़ उमड़ती हैए जो देखने योग्य रहता है। इस जगह पर प्रायः उन्ही लोगों की भीड़ होती है, जिसपर भूतो का साया होता है।

हैदरनगर के जिस जगह पर भूत मेला लगता है, वही पर माँ शीतला की बिशाल मंदिर स्थापित है। इस मंदिर के पास एक दरगाह भी स्थापित है, जिसके कारन यहाँ भूतों प्रेतों से छुटकारा मिलाना और भी आसान हो जाती है।

मंदिर के आस पास प्रसाद बिक्री की उतम बय्वास्था है। यहाँ पर प्रसाद की बहुत सारी दुकाने हैं। मानो तो यहाँ सालो भर लोगो की भीड़ उमड़ी रहती है। यहाँ पर आये श्रद्धालु माँ शीतला को नारियल एवं चुंदरी चढाते है और मजार पर।

इस भूत मेले में दूर दूर से आकर बहुत से लोग ओझा-गुनी एवं डायन की सीधी प्राप्त करते है। नवरात्री के समय यहाँ पर भीड़ इतनी काफी हो जाती है। लोग साड़ियों एवं चादरों से तम्बू बनाकर रहते है।

इन जगहों पर रहने वाले लोगों का कहना है कि जब रात होती है, तब इसके आस पास के इलाको में भूतों के रोने की आवाज सुनाई पड़ती है।

इस स्थान पर लोग डर से रहना पसंद नही करते है। इस जगह पर वहीं लोग निवास करते है जो शुरु से ही इस जगह पर रहते आ रहे है।

इस मंदिर के परिसर में एक अग्नि कुंड स्थापित है। यहा जिन लोगों पर भूत प्रेत का छाया रहता है वो नाचने एवं झुमने लगता है। इस स्थान पर किसी भी लोग के शरीर में छिपे आत्मा अनेक प्रकार के करतब दिखाने लगते है। जिसे देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते है। यहां आने के बाद भूत प्रेत को यहाँ के साधू, ओझा अपने बस में कर लेते है।

ओझाओं का कहना है कि जिन लोगों पर भूत प्रेत का छाया रहता है, उसके शरीर से उस आत्मा को निकाल कर हम लोग एक लोहे की बने चिलम में बंद कर एक पेड़ में गाड़ देते है।

ऐसा करने पर लोग को भूतो से छुटकारा मिलता है और आत्मा पेड़ में कैद होकर रह जाते है। जिस पेड़ में इन्हें कैद किया जाता है, वह पेड़ शीतला माँ के मंदिर के परिसर में ही स्थित है।

हैदरनगर में रेल मार्ग के रास्ते सभी जगहों से लोग आते है। लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए इस स्टेशन पर हर सभी ट्रेन अपने समय से 10 मिनट रूकती है।

इस धाम पर आने के बाद कोई भी निराश नही लौटता है। जो भी लोग अपनी अपनी मनत लेकर यहाँ आते है उनकी सारी मनोकामनाए पूर्ण होती है।

इस मेले में रहने वाले ओझा-गुनी एवं साधु लोग झाल मजीरे बजाकर भूतो को खुश करते है और जिस पर भी भूतो का छाया रहता है वो लोग खूब जोर जोर से झुमने लगते है। ऐसा भूत मेला पुरे भारत में कही भी नही लगता है, जैसा कि पलामू के हैदरनगर में लगता है।

अंधविश्वास है कि यहाँ पर लगने वाली भूत मेला लोगों का मनोरंजन तो करती ही है साथ ही साथ भूत -प्रेत और आत्मओं के गिरफ्त में आये लोगो को भी पूर्ण रूप से छुटकारा मिल जाती है।

जिस किसी पर भी भूतो का छाया रहता है उनलोगों को यहाँ के ओझा लोग अपने तंत्र -मंत्र से लोगो को छुटकारा दिला देते है। इस भूत मेले में ज्यादातर महिलाओ की भीड़ होती है। जो भूत -प्रेतों के शिकार होते है।

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