बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह एवं भ्रामक सूचना फैलाए जाने एवं सोशल मीडिया का दुरुपयोग करनेवालों के विरुद्ध गृह विभाग द्वारा एक अपील जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों का दुरुपयोग कर ऐसी अफवाह एवं भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं, जिससे समाज में वैमनस्य बढ़े।
इस प्रकार इस तरह की सूचनाओं एवं अफवाहों के प्रचार प्रसार का माध्यम न बनने की अपील की गई है। गृह विभाग द्वारा निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं:
1.ऐसा संदेश पोस्ट ना करें, जिससे किसी की भावनाएं आहत हो।
2.Facebook, Twitter,WhatsApp, YouTube या ऐसे अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही अफवाहों को शेयर रीट्वीट या पोस्ट ना करें।
3.किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट में मित्र समूह, वीडियो या पेज लाइक, सब्सक्राइब या फॉलो करने में सावधानी बरतें और उन्माद फैलाने वाले तत्वों से सावधान रहें तथा YouTube या अन्य किसी वीडियो चैनल पर तनाव उत्पन्न करने वाले वीडियो या फोटो अपलोड या डाउनलोड शेयर न करें।
4.किसी भी झूठे प्रचार अफवाह या दो समूहों में तनाव या वैमनस्य पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल होने वालों के विरुद्ध निम्नांकित धारा अंतर्गत सजा एवं जुर्माना हो सकता है:
1.भारतीय दंड विधान की धारा 153 – ए के अंतर्गत तीन वर्षों की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है।
2.भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए के अंतर्गत 3 वर्षों की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है।
3.आईटी एक्ट 2008 की धारा 67 के अंतर्गत 3 वर्षों की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना और इसे दोहराने पर 5 वर्षों की सजा एवं ₹10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के लिए ग्रुप एडमिन को भी जिम्मेवार माना गया है…
जारी आदेश में कहा गया है कि “ग्रुप एडमिन” वही बने जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेवारी और उत्तरदायित्व का वाहन करने में समर्थ हो। अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन की पूर्णता परिचित होना अनिवार्य है।
ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलत बयानी बिना पुष्टि के समाचार, जो अफवाह बन जाए पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता / सौहार्द बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन का तत्काल खंडन कर उस सदस्य को ग्रुप से हटाना अनिवार्य होगा।
साथ ही इसकी सूचना पुलिस को भी देनी होगी। अफवाह एवं भ्रामक तथ्य सामाजिक समरसता के विरुद्ध तथ्य पोस्ट होने पर ग्रुप एडमिन को संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना देनी होगी।
ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होने पर तथा पुलिस को गलत सूचना नहीं देने पर उन्हें इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर किये जाने वाले पोस्ट पर नजर रखने के लिए जिला स्तरीय साइबर सेल सजग एवं सतर्क है। जिलाधकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा भी इसके कार्यो की निरन्तर मोनिटरिंग हो रही है।