“बीते 4 दिसंबर मध्यरात्रि को हिरण्य पर्वत पर से सिजरा को लूट लिया गया था और वहां के खादिम को मारपीट कर जख्मी कर दिया गया था जिसमें नालंदा पुलिस को बड़ी सफलता मिली और 7 अपराधी को गिरफ्तार किया है।”
बिहारशरीफ (राजीव रंजन)। एक कहावत है खोदा पहाड़ निकली चुहिया। कुछ ऐसा ही हुआ सिजरा लूट कांड के आरोपियों के साथ। उन्हें यह पता नहीं था कि जिस सिजरा को लूटा जा रहा है,वह लकड़ी का है।
उक्त घटना के संबंध में लहेरी थाना में कांड 515/17 दर्ज कर पुलिस अधीक्षक नालंदा के निर्देशानुसार इस कांड के सफल उद्भेदन एवं घटना में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु बिहार शरीफ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी निशित प्रिया एवं पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद इमरान परवेज के नेतृत्व में अन्य पुलिस पदाधिकारियों को शामिल कर एक एसआईटी का गठन किया गया था।
पुलिस अनुसंधान के क्रम में सर्वप्रथम नालंदा जिले के नूरसराय थाना क्षेत्र के खेवन बीघा निवासी श्री प्रसाद का पुत्र कुंदन कुमार को गिरफ्तार किया गया। बताते चलें कि कुंदन कुमार ने इस घटना में संलिप्तता स्वीकारा और घटना में शामिल छह आरोपियों का भी नाम बताया।
पुलिसिया पूछताछ में इसने बताया कि उसे ज्ञात था कि यह प्राचीन सिजरा सोने की है और घटना के दिन यह शाम 6:00 बजे पहाड़ पर चला गया और किसी तरह मध्य रात्रि तक गुजर बसर किया। अंत में मध्य रात्रि को इन्होंने घटना को अंजाम दिया और उसी रास्ते से पहाड़ के नीचे चला आया और सिजरा में ना कुछ पाकर इसे किसी झाड़ी जंगल में फेंक दिया।
इसकी निशानदेही पर दीपनगर थाना क्षेत्र के दीपनगर गांव के शंकर प्रसाद का पुत्र अनुज राज, इसी गांव के विजय महतो का पुत्र जितेंद्र कुमार, लहेरी थाना क्षेत्र के बड़ी पहाड़ी निवासी सुनील प्रसाद का पुत्र जयकी कुमार, रहुई थाना क्षेत्र के रहुई गांव निवासी दिनेश कुमार का पुत्र सिंटू वर्मा उर्फ दिवाकर, गया जिले के मानपुर थाना क्षेत्र के सोनार टोला निवासी मनोज यादव का पुत्र प्रियांशु कुमार उर्फ आयांश, गया जिले के कोच थाना क्षेत्र के छनछुआ निवासी अजय यादव का पुत्र गुंजन कुमार को घटना में लूटी गई मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया गया।
नालंदा पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरीका ने बताया कि घटना में लूटी गई सिजरा अपराधियों के द्वारा किसी झाड़ी में दीप नगर के आसपास फेंक दिया गया, वह अभी बरामद नहीं हो सका है। पुलिस इसकी छानबीन में लगी हुई है।