Home आधी आबादी सीबीआई के लिये जंजाल बनी ब्रजेश ठाकुर की वाह्टसऐप कॉलिंग

सीबीआई के लिये जंजाल बनी ब्रजेश ठाकुर की वाह्टसऐप कॉलिंग

  • मार्क जुगरबर्ग और गुगल से संपर्क कर सकती है विशेष जांच दल

  •  वाह्टसऐप का सर्वर किसी देश में नहीं

  • नहीं निकल सकता कॉल डिटेल

  • मुजफ्फरपुर की कई स्वयेसंवी संस्था भी सीबीआई के रडार पर

  • मधु बन सकती है सीबीआई की सरकारी गवाह, कल तक आ सकती है सामने

पटना (विनायक विजेता)। मुजफ्फरपुर ‘महापाप’ मामले की छानबीन कर रही सीबीआई भी परेशान है।

सूत्रों के अनुसार सीबीआई की परेशानी का कारण ब्रजेश ठाकुर के तीन नंबरों का निकाला गया वह कॉल डिटेल है, जिन कॉलों में 60 प्रतिशत कॉल ब्रजेश ठाकुर एंड कंपनी के वाह्ट्सऐप नंबर पर आते थे।whatsaap vedio calling cbi1

चौकाने वाली जानकारी यह है कि मोबाईल पर होने वाली बातचीत का कॉल डिटेल निकाला जा सकता है पर वाह्ट्सऐप नंबर पर होने वाली बाते का नहीं। यह तभी संभव है, जब वाह्ट्सऐप की पारिवारिक संस्था फेसबुक और उसके मालिक मार्क जुगरबर्क या गुगल सीबीआई को सहयोग करें।

वाह्ट्सऐप पर होने वाली बात का पता तो नहीं चलता सिर्फ नाम और नंबर धारक का पता चलता है। सीबीआई ने मुजफफरपुर की 9 ऐसी स्वंयसेवी संस्थाओं का पता लगाया है, जो लगातार ब्रजेश ठाकुर के टवाह्ट्सऐप नंबर पर उससे संपर्क में रहते थे।

सीबीआई उन संस्थाओं या उसके संचालक पर अभी इसलिए हाथ नहीं डाल रहे कि उनके सामने वाह्ट्सऐप वाली मजबूरी है।

पटना में मोबाईल की तकनीकी जानकारी रखने वाले एक पुलिस अधिकारी ने भी इस बाते कि पुष्टि करते हुए कहा कि ‘यही कारण है कि अपराधी से लेकर माओवादी तक वाह्ट्सऐप से ही संदेश भेजने, रंगदारी या लेवी मांगने का काम करते हैं’।

एक महत्वपूर्ण सूत्र के अनुसार सीबीआई जल्द ही ऐसे सफेदपोश और स्वंयसेवी संस्थाओं के संचालकों को बेनकाब करेगी, जो अपने आर्थिक हित के लिए लगातार वाह्ट्सऐप के जरिए ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में रह रहे थे।

ऐसे लोगों में ब्रजेश ठाकुर की संस्था के अलावा मुजफ्फरपुर की 9 अन्य संस्था और उसके संचालक भी हैं जो अबतक अपने को काफी ‘स्मार्ट’ मानते रहे हैं।

इधर अल्पावास गृह मामले में फरार चल रही मधु रविवार तक सीबीआई के सामने आ सकती है।

सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने मधु के एक राजदार जिसे पूछताछ के लिए सीबीआई ने चार दिनों पूर्व बुलाया थाके मार्फत उसे यह संदेशा भिजवाया है कि सीबीआई की वह मदद करे और बतौर सरकारी गवाह बन वह सारी सच्चाई को उजागर करे जिसपर लगभग सहमति बन चुकी है।

सूत्रों के अनुसार सीबीआई की एक टीम इस मामले में शनिवार को पुन: पटना आने वाली है जहां वह दो विभागों के अधिकारियों से पूछताछ करेगी।

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