पटना (INR)। बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने भागलपुर में एक हजार करोड़ रूपये से उपर के हुये सृजन महाघोटाले की सीबीआई जांच की अनुसंशा की है। इस घोटाले के सामने आने के बाद से ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सहित तमाम विपक्षी दल इसकी सीबीआई जांच की लगातार मांग कर रहे थे।
बता दें कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड दो तरीकों से सरकारी खजाने से अवैध निकासी का काम करती थी। एक तरीका था स्वीप मोड और दूसरा था चेक मोड। स्वीप मोड के जरिए भारी रकम राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा भागलपुर जिले के सरकारी खातों में जमा कराए जाते थे। स्वीप मोड में राज्य सरकार या केंद्र सरकार एक पत्र के माध्यम से बैंक को सूचित करती थी, कितनी राशि बैंक में जमा करा दी गई है।
कहते हैं कि बैंक के अधिकारी भी इस पूरे गोरखधंधे में शामिल थे। वह सरकारी खाते में इस पैसे को जमा नहीं दिखाकर सृजन के खाते में इस पूरे पैसे को जमा कर दिया करते थे।
दूसरा तरीका था चेक मोड, जहां पर राज्य सरकार या केंद्र सरकार जो भी पैसे भागलपुर जिले के सरकारी खातों में जमा कराना था वह चेक के माध्यम से किया जाता था। एक बार सरकारी खाते में चेक जमा हो जाता था तो फिर जिलाधिकारी के दफ्तर में शामिल कुछ लोग जो कि इस गोरखधंधे में हिस्सा थे जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से अगले दिन वही राशि सृजन के अकाउंट में जमा करा दिया करते थे।
इस मामले में सृजन संस्था की संस्थापक रहीं दिवगंत मनोरमा देवी के बेटे-बहू पर पुलिसिया दबिश बढ़ा दी गयी है। वहीं किसी भी समय भागलपुर के जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार की गिरफ्तारी हो सकती है।
उधर सरकारी राशि के घोटाला मामले में भागलपुर पुलिस सृजन संस्था से लाभान्वित होने वाले टॉप 20 लोगों की सूची तैयार की जा रही है। इसमें ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने सृजन के साथ मिलकर सरकारी राशि का घपला किया है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी पुलिस कर रही है।