पटना (संवाददाता)। बिहार विधान सभा में अपने भाषण के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़े तेवर दिखलाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में ज़ीरो टॉलरेंस है। कानूनी कार्रवाई पूरी हो रही है। बिहार स्कूल एक्ज़ामिनेशन में धांधली, बीएसएससी पेपर लीक, सबौर नियुक्ति धांधली जैसे मामलों पर जमकर कार्रवाई हुई। हमने जांच नहीं सीधा मुकदमा करने को कहा और कार्रवाई हुई।
सीएम ने माना कि बीएसएससी का पेपर लीक हुआ। इस देश में जो कानून है उसमें राष्ट्रपति को छोड़कर हर किसी पर लागू होता है। हम हों, आप हों, कोई भी अलग नहीं है। जाँच का काम पुलिस का और उसे देखना कोर्ट का। एसआईटी में सीएम हस्तक्षेप नहीं कर सकते। आजकल एक फैशन चल पड़ा है सीबीआई जांच।
सीएम ने कहा कि सीबीआई में भी पुलिस वाले ही तो हैं। सीबीआई को कई मामले दिए गए। रणवीर सेना के मुखिया ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई को दिया। पहले उसने मना किया पर आग्रह के बाद जाँच हुई। अनुसंधान सीबीआई ने किया पर इस मामले में नया क्या आया? मुज़फ़्फ़रपुर के नवरूणा हत्याकांड में क्या नया आया? सिवान के पत्रकार हत्याकांड में सीबीआई ने क्या किया? सीएम ने कहा कि उन्हें लगने लगा है कि सीबीआई जांच मामले को भटकाने की कोशिश होने लगी है। आईएएस एसोसिएशन के मेमोरेंडम का इंतज़ार कर रहा हूं, अगर वो मेमोरेंडम आए तो उस पर ऐसी कार्रवाई होगी जो गवर्नेंस के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। एसआईटी से अपेक्षा है कि वो किसी के बयान के प्रभाव में ना आयें, ना किसी को फंसाए, ना किसी को बचाए।
उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व से छवि बनी पर नाव दुर्घटना से उसे जोड़ दिया गया। पतंग उत्सव में मेरी तस्वीर बगैर मेरी अनुमति के लगाया गया। जांच हुई। उस आधार पर मुख्य सचिव के पास से फाइल आई मैंने कार्रवाई की। क्या चुपचाप गाली सुनते रहे? कार्रवाई किसी का चेहरा देखकर नहीं होता है। कोई समझौता नहीं। इस कुर्सी पर बैठे हैं बैठे रहने के लिए नहीं। कोई मामला मेरे सामने आएगा तो विधिसंवत कार्रवाई करेंगे।