बिहारशरीफ (प्रमुख संवाददाता )। एक तरफ सीएम नीतीश कुमार शराब बंदी के बाद बाल विवाह और दहेज प्रथा की कुरीतियों के खिलाफ अभियान की शुरुआत की है तो दूसरी तरफ अभी तक शराब का भूत नहीं भाग रहा है। कहीं शराब की खेप मिलती है तो कहीं शराब के नशे में धूत लोगों का हंगामा जारी है।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पैतृक गाँव नालंदा के कल्याण विगहा के पड़ोस गाँव अमरपुरी के मध्य विधालय के एचएम नशे में धूत हंगामा करते ग्रामीणों की नजर में आ गए।
फिर क्या था लोगों ने इसकी सूचना कल्याण विगहा ओपी पुलिस को दी। पुलिस ने उन्हें पकड़कर बिहारशरीफ सदर अस्पताल में जांच के लिए भर्ती कराया। जहां उक्त हेडमास्टर दारोगा से भी बहस कर ली।
हरनौत प्रखंड के अमरपुरी मध्य विधालय के प्रभारी एचएम ब्रजकिशोर प्रसाद स्कूल में नशे की हालत में पहुँचे हुए थे ।नशे में धूत उन्होंने स्कूल में हंगामा करने लगें । जब हंगामे की खबर लोगों तक पहुँची तो लोग स्कूल पहुँच कर मामले की जानकारी लेने लगें । जब माजरा समझ में आया तो उन्होंने पुलिस को खबर कर दी।
लोगों की सूचना पर कल्याण विगहा ओपी पुलिस ने हंगामा कर रहे एचएम को पकड़कर जांच के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया ।जहां उक्त हेडमास्टर अपनी आदत से बाज नहीं आए और जांच के लिए साथ अस्पताल आए एक दारोगा से भी उलझ लिए।
इधर नशे में धूत हेडमास्टर का कहना है कि स्कूल के ही एक शिक्षक से विधालय विकास की राशि तथा मध्याहन भोजन को लेकर विवाद चल रहा है। एक साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है।
इधर शिक्षा विभाग भी इस मामले में गंभीर दिख रहा है। उसे अस्पताल से जांच रिपोर्ट का इंतजार है। अगर उनके शरीर में अल्कोहल की पुष्टि होती है तो उनको निलंबित भी किया जा सकता है। फिलहाल मामला कुछ भी हो, लेकिन स्कूलों में विकास राशि और मीड डे मील को लेकर आपसी तनाव तथा वैमनस्यता साफ झलकती रही है।
कुछ माह पूर्व भी चंडी प्रखंड के मध्य विधालय जलालपुर में शिक्षकों की आपसी खींचतान में मीड डे मील में मेढक डालने की घटना हुई थी। जिसमें हेडमास्टर समेत दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था ।
अब सवाल यह उठता है कि जब सीएम के घर आंगन में शराब बंदी कानून की ऐसी धज्जियां उडेगी तो फिर कैसे बाल विवाह और दहेज प्रथा कानून पर अंकुश लग सकता है।