“राजगीर में पर्यटकों के लिये कहीं कोई पुलिस सुरक्षा व्यवस्था देखने को नहीं मिलती है। यहां आये दिन सैलानियों के साथ अपराधिक वारदातें होती रहती है। कहा तो यहां तक जाता है कि स्थानीय थाना पुलिस असमाजिक जयराम पेशेवरों के साथ कार्रवाई की जगह अधिक प्रेमालाप करने की लत से पीड़ित है।”
नालंदा (संवाददाता)। जिले के पर्यटन स्थलों और सैलानियों को सुरक्षा प्रदान करने में पुलिस-प्रशासन नाकाम साबित हो रही है। सरकार द्वारा तैनात आधुनिक सुविधाओं से लैश पर्यटन मित्र वाहन को भी राजगीर पुलिस ने नकारखाने की तूती बना कर निजी हित साधन में जुटी है।
खबर है कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के ऐतिहासिक वैभारगिरी पर्वत पर घुमने गये आधा दर्जन पर्यटकों के साथ हथियारबंद अपराधियों ने जमकर लूट पाट किया।
विरोध करने पर उनके साथ जमकर मारपीट भी की गई। जिसमें दो पर्यटक बुरी तरह घायल हो गए। दोनों जख्मी का इलाज अस्पताल में कराया गया है। सारे पीड़ित पर्यटक एनटीपीसी के कर्मचारी हैं। जो कि अपने सात साथियों के साथ राजगीर घुमने के लिए आये थे।
लेकिन जैसे ही वे सभी लोग घुमते हुए जैन मंदिर के पास पहुंचे कि पहले से घात लगाये आधा दर्जन अपराधी हथियार के बल पर सभी के साथ लुटपाट करने लगे।सबों के सामान, मोबाइल और नगद राशि लूटकर अपराधी पहाड़ के ऊपर भाग निकले।
पीड़ित आकाश चन्द्रा, धर्मवीर ठाकुर, छोटू महतो, गोविन्द सिंह, जितेंद्र सिन्हा, रघुवीर दास, राजकुमार चौधरी के अनुसार कि पांच स्मार्ट मोबाइल, 20 हजार रुपये, घड़ी सहित समान लूट लिया। एक लाख रुपये से अधिक की सम्पति की लूटपाट की गयी।
उन सबों ने बताया कि सभी अपराधी हथियार और चाकू हाथ में लिये हुए थे। जैसे ही जैन मंदिर के पास पहुंचे सभी को घेर लिया और घटना का अंजाम पहाड़ की उंचाई पर भाग निकले। इसकी सूचना पुलिस को दी गयी है।
बताते चलें कि पहाड पर पर्यटकों के साथ आये दिन खुलेआम अपराधी हथियार के बल पर लुटपाट करते हैं। इस दिशा में स्थानीय पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। जिससे इन अपराधियों का तांडव रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
कुछ दिन पहले ही नव दम्पति राजगीर हनीमून मनाने के लिए आये थे। इसी पहाड़ पर घुमने के लिए गये थे और उन्हें जमकर पिटाई कर लुटपाट की घटना को अंजाम दिया था। आज तक पुलिस इन अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी।