नालंदा (राम विलास)। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ पर्यटन मंत्रालय के सहायक महानिदेशक गोविंद चंद्र भुयन ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र राजगीर में मंगलवार को एक बैठक की। होटल गार्गी ग्रैंड में आयोजित इस बैठक में राजगीर के अलावे नालंदा और पावापुरी के प्रमुख लोग शामिल हुए।
पर्यटन मंत्रालय के सहायक महानिदेशक गोविंद चंद्र भुयन ने टमटम चालक यूनियन, रिक्शा यूनियन, होटल संघ, डोली यूनियन, हरियाली मिशन, खुदरा व्यवसायी संघ, रोटरी क्लब, राजगीर- तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा कमेटी सहित अनेक संगठनों से पर्यटन विकास और पर्यटन स्थलों पर बुनियादी समस्याओं से जुड़े तथ्यों का फीडबैक लिया।
उन्होंने देशी- विदेशी सैलानियों से बात की और फीडबैक लिया। उन्होंने कहा राजगीर विश्व और देश के प्राचीन नगरों में प्रमुख है। नालंदा से दुनिया में ज्ञान की रोशनी फैली थी। नालंदा राजगीर और पावापुरी के पर्यटन विकास के लिए स्थानीय स्तर पर टूरिज्म टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए ।
इस टास्क फोर्स में स्थानीय प्रबुद्ध लोगों के अलावा पर्यटन विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, रेलवे, पथ निर्माण, बिजली और पीएचईडी के अधिकारियों को सदस्य बनाना चाहिए। ताकि इस टास्क फोर्स के माध्यम से स्थानीय और आंतरिक समस्या का त्वरित निदान हो सके।
उन्होंने कहा कि पर्यटन केंद्रों के विकास के लिए केंद्र सरकार गंभीर है। उनके द्वारा पर्यटन विकास के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्रामीण पर्यटन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के अनुदान राशि से ग्रामीण पर्यटन नेपुरा का विकास किया गया है।
एक सवाल के जवाब में सहायक महानिदेशक ने कहा कि मिली जानकारी के अनुसार नालंदा में ग्रामीण पर्यटन और जल पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। इसके विकास के लिए वह राज्य पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव से बात करेंगे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन तथा जल पर्यटन को धरातल पर उतारने के लिए पर्यटन मंत्रालय हर संभव प्रयास करेगा । इन योजनाओं को आकार देने के लिए पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव से संवाद भी स्थापित करने की कोशिश करेंगे।
श्री भुयन कहा कि केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय आध्यात्मिक पर्यटन विकास के तहत स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना के तहत राजगीर के घोड़ा कटोरा झील का विकास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राजगीर, नालंदा और पावापुरी में देशी- विदेशी सैलानियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए और पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ की स्वीकृति की है। इस राशि से सैलानियों को हर आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ सुलभ करायी जायेगी ।
इसके अलावे विकास के अन्य कार्य कराये जाने की योजना है । पर्यटन स्थलों पर पार्किंग, शौचालय, कैफेटेरिया, सूचना केंद्र, अच्छी सड़क, अवाधित बिजली आपूर्ति, पथ प्रकाश समेत अनेक विकास के कार्य होने हैं ।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों से उन्हें जो फीडबैक मिली है। उस पर वे शीघ्र अमल करेंगे।
उनकी कोशिश होगी कि राज्य पर्यटन विभाग के सहयोग से राजगीर, नालंदा और पावापुरी समेत बिहार के सभी पर्यटन स्थलों पर देशी- विदेशी सैलानियों के लिए बुनियादी पर्यटकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा नालंदा जैसे विश्वविख्यात पर्यटन स्थल में पेयजल और शौचालय जैसी गंभीर समस्या है। इन समस्याओं का त्वरित निदान होना चाहिए। कमोबेश ऐसी ही समस्याएं जैन तीर्थ क्षेत्र पावापुरी में है ।
उन्होंने कहा राजगीर और नालंदा के लोग काफी सक्रिय और संवेदनशील हैं । उन्हें विश्वास है कि स्थानीय लोग और सरकार दोनों मिलकर सैलानियों को आकर्षित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा सैलानी अतिथि हैं । उनके साथ अतिथि देवो भवः का ही व्यवहार होना चाहिए।
इस अवसर पर अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री धीरेंद्र उपाध्याय, राजगीर के पूर्व उप मुख्य पार्षद श्यामदेव राजवंशी, वार्ड पार्षद विकास कुमार, खुदरा व्यावसायिक संघ के अध्यक्ष निरंजन कुमार सिंह, पूर्व वार्ड पार्षद उमराव प्रसाद निर्मल, परमानंद कुमार, संतोष कुमार, हरियाली मिशन एवं रोटरी क्लब के सचिव प्रदुमन कुमार, टूरिस्ट गाइड कौलेश कुमार समेत राजगीर, नालंदा और पावापुरी के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े दर्जनों लोगों ने पर्यटन बचाओ, पर्यटक बढ़ाओ योजना के तहत महत्वपूर्ण सुझाव दिया ।