“लगता है कि बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले में सब राम भरोसे चल रहा है। नगरनौसा थाना में एक बिजली मिस्त्री (मानव बल) की करंट लगने से मौत हो गई है। इधर नियमाविरुद्ध मानव बल शटडाउन लेकर 11000 वोल्ट लाइन का बिजली ठीक कर रहा था और उधर पावर सब स्टेशन से किसी ने बिजली चालू कर दी। यह लापरवाही की हद है।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र के उस्मानपुर आइसक्रीम फैक्ट्री के पीछे रात करीब नौ बजे तार ठीक करने के दौरान 11000 वोल्ट की करंट की चपेट में आने से बिजली मिस्त्री (मानव बल) गंभीर रुप से झुलस कर पोल से नीचे गिरने के उपरांत गंभीर रुप जख्मी हो गया।
उसे तत्काल नगरनौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। फिर बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेज दिया गया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुये तत्काल पीएमसीएच पटना रेफर कर कर दिया गया।
परिजनों द्वारा पटना ले जाने के क्रम में नगरनौसा बाजार से आगे पेट्रोल पंप के पास सुबह करीब 4 बजे उसकी मौत हो गया। मृतक बिजली मिस्त्री स्थानीय थाना के सुलेमानचक गांव निवासी राजन महतो के 36 बर्षीय पुत्र विनय कुमार है।
विनय उस्मानपुर आइसक्रीम फैक्ट्री के पीछे बिजली खराब होने की सूचना पाकर पावर सब स्टेशन से शॉट डाउन लेकर तार ठीक कर रहा था कि इसी दौरान अचानक किसी ने पावर सब स्टेशन से बिजली सप्लाई कर दी। जिसकी चपेट में आने से वह झुलसकर पोल से नीचे गिर गंभीर रुप से घायल हो गया।
इधर बिजली विभाग के कोई भी कर्मचारी बिजली मिस्त्री के करंट लगने की सूचना के बाद भी न तो अस्पताल पहुँचे और न ही उसकी मौत के बाद ही सुध ली।
इससे बौखलाये ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और नगरनौसा-चंडी मुख्य मार्ग को जाम कर नगरनौसा पावर सब स्टेशन में जमकर तोड़-फोड़ की।
अंचलाधिकारी कुमार विमल प्रकाश ने मृतक के आश्रित परिवार लाभ के तहत तत्काल 20 हजार रुपये एवं गोराइपुर पंचायत के मुखिया विमला देवी ने 3 हजार रुपया सहायता राशि दी।
सबाल उठता है कि विनय कुमार बिजली विभाग में एक मानव बल के रुप में कार्यरत था। 11000 वोल्ट करंट लाइन लाइन का पावर सब स्टेशन से शट डाउन बिना जेई या उसके उपर के विभागीय अनुमति के बिना नहीं दिया जाता। 11000 वोल्ट करंट लाइन ठीक करने के दौरान निम्नतम जेई स्तर के अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है।
अगर आपात स्थिति में कोई बिजली मिस्त्री बिना जेई की जानकारी के शट डाउन लेकर हाई वोल्टेज करंट ठीक कर भी रहा था तो फिर किसके आदेश-अनुरोध पर पावर सब स्टेशन से बिजली सप्लाई चालू किया गया।
दरअसल स्थानीय स्तर पर बिजली विभाग के जेई और विभागीय एसडीओ स्तर के कर्मी का मतलब सिर्फ काली कमाई से रह गया है। बात जब कमाई की नहीं होती तो सारी गंभीर जिम्मेवारी ऐसे लोगों पर डाल दी जाती है, जो अनाधिकृत तौर पर कार्यरत होते हैं।
मानव बल विनय कुमार की मौत वैसे ही कर्मियों की लालच और कर्तव्यहीनता का ही देन है। प्रशासनिक स्तर पर ऐसे मामलों की हो रही लीपापोती भी एक गंभीर चिंता का विषय है।