Home धर्म-कर्म लंगोट मेला शुरू, महिला पुलिस अफसरों के जलवे बनी चर्चा का विषय

लंगोट मेला शुरू, महिला पुलिस अफसरों के जलवे बनी चर्चा का विषय

” लंगोट जुलुस  में महिला पुलिस अधिकारी के जलवे देखने को मिले। सादे वर्दी में डीएसपी निशित प्रिया घुड़सवारी करती दिखी तो महिला थानेदार पिंकी प्रसाद ने ऊँट की सवारी की। “

langot mela 3 बिहारशरीफ (न्यूज ब्यूरो)।  परम्परागत तरीके से गुरुपूर्णिमा के अवसर पर बिहार शरीफ के बाबा मणिराम आखड़ा पर लगने वाला सात दिवसीय लंगोट मेला पूरे भक्तिमय वातावरण में  शुरू हो गया।  मेला के पहले दिन परम्परागत तरीके से जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा बाजे गाजे और घोड़े हांथी के साथ लंगोट जुलुस निकाली गयी।

यह जुलूस शहर के मुख्य मार्ग होते हुए बाबा मनीराम अखाडा पहुंची, जहाँ  नालन्दा के डीएम डॉ त्यागराजन और एसपी कुमार आशीष , उप विकास आयुक्त कुंदन कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार सहित जिले के अधिकरियों ने बाबा की समाधि पर लंगोट चढ़ाकर  कर जिले की शांति और  मंगल की कामना की। 

लंगोट जुलुस महिला पुलिस अधिकारी के जलवे देखते को मिले। सादे वर्दी में डीएसपी निशित प्रिया घुड़सवारी करती दिखी तो महिला थानेदार पिंकी प्रसाद ने ऊँट की सवारी की।

नालन्दा की धरती सूफी-संतों की धरती रही  है। बाबा मणिराम  भी उन्हीं संतों में एक थे। उन्होंने आपसी भाई चारे और  सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के साथ साथ उन्होंने लोगों को योग के सहारे निरोग रहने की शिक्षा दी। आषाढ़ पूर्णिमा को आरंभ होने वाले इस विशेष मेले में दूर-दराज के लोग आते हैं।

ऐसी मान्यता यह भी है कि बाबा के अखाड़े के मिट्टी के स्पर्श मात्र से से अस्वस्थ व्यक्ति भी निरोग हो जाता है।

बाबा मणिराम एक महान संत थे। सन् 1248 ई. जब वे बिहारशरीफ  पहुंचे तो लोग उनके आध्यात्मिक गुण से अनभिज्ञ थे। लेकिन धीरे-धीरे लोग उनकी दिव्य शक्ति को पहचानने लगे। उनके स्पर्श मात्र से रोगी स्वस्थ होने लगे।

आध्यात्मिक गुणों से परिपूर्ण  बाबा मणिराम ने लोगों को स्वस्थ रखने के लिए कुश्ती की शिक्षा देना प्रारंभ किया। उनका अखाड़ा आज भी विद्यमान है।

कहा जाता है कि संत शिरोमणि बाबा मणिराम ने जीवित समाधि ली थी। इनकी समाधि पर लोग लंगोट चढ़ाकर अपने मनोकामना सिद्धि की मांग करते हैं।

error: Content is protected !!
Exit mobile version