सरिया(आसिफ अंसारी)। गिरिडीह जिले का मुख्य व्यवसायिक मंडी सरिया बाज़ार होने के कारण यहां रोज़ाना व्यवसायियों का जुटान होता हैं। हज़ारीबाग़ रोड रेलवे स्टेशन से रेल परिचालन व रांची दुमका मुख्य मार्ग होने के कारण देश भर के लोग जुट कर व्यापारिक लेनदेन करते हैं। लेकिन इन दिनों यहां के स्थानीय लोग तथा व्यापार को आने वाले लोग हलकान हैं। वजह है रेल सुरक्षा फाटक, जहां ओवरब्रिज नहीं होने के कारण सरियावासियों के लिये परेशानी का सबब बना हुआ हैं ।
यहां हर 5-10 मिनट के अंतराल में गुजरती हैं ट्रेनें, हादसे का हमेशा बना रहता हैं डर
रेल मार्ग से होकर प्रति 5 से 10 मिनट के अंतराल के बीच ट्रेनों का आना जाना लगा रहता है। खतरे से बचाव के लिए रेलवे द्वारा ट्रैन गुजरने से पहले फाटक बंद एवं ट्रेन पास होने के बाद फाटक को खोला जाता हैं जिस से मिनटों में ही रेल फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। स्कूली वाहन, एम्बुलेंस, जैसी महत्वपूर्ण वाहनों को काफी इन्तजार करना पड़ता है। कई बार फाटक बंद होने के कारण एम्बुलैंस में ही मरीज़ दम तक तोड़ देते हैं, बच्चे ससमय स्कूल नही पहुँच पाते। जाम होने से दैनिक कार्य में लगे लोगो को भी खासा मशक्कत्त करना पड़ता हैं। कई बार पुलिस गश्ती दल की गाड़ी भी जाम से प्रभावित हो जाती है, परंतु वे मूकदर्शक बनकर खड़े रहते हैं।
आमलोगों द्वारा कई बार इसकी शिकायत स्थानीय प्रसाशन से की गई है। इसके बावजूद भी अतिक्रमण एवं जाम की समस्या बदस्तूर जारी है। कई बार खुद स्थानीय सांसद, एसडीओ एवं डीएसपी भी यहां होने वाले जाम में फंस चुके हैं।
बड़े गाड़ियों का बेतरतीब ठहराव भी है समस्या
यहां जाम लगने का मुख्य कारणों में से एक है स्थानीय व्यपारियों द्वारा दिन में ही जहां-तहां सड़को पर वाहन को खड़ा कर यातायात नियमो का उलंघन कर माल का उतारना-चढ़ाना और इनसब के बीच रेलवे फाटक बंद होने के बाद आगे निकलने की होड़ के लिए पूरे सड़क पर फाटक के दोनों ओर अपनी वाहनों को खड़ा कर देना, जिससे फाटक खुलते ही टकराहट व दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और इसी बीच पुनः रेलवे फाटक का वेरियर गिर जाने से स्थिति भयावह आन पड़ती है।
रेलवे फाटक से कुछ दूर है सांसद का आवास
कोडरमा के सांसद डॉ रविंद्र राय का आवास उक्त रेलवे फाटक से चंद कदम की दुरी पर है। जाम से मुक्ति पाने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा वर्षों से रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण की मांग की जा रही है। रेल विभाग एवं झारखंड सरकार की सहमति से ओवर ब्रिज निर्माण की प्रिक्रिया दो वर्ष पूर्व प्रारम्भ भी कर दी गई। लेकिन अबतक निर्माण कार्य सरकार के पेन- पेपर तक ही सिमटकर रह गया है।
लोगो का कहना है की ब्रिज निर्माण कार्य तो दूर वर्तमान में रेलवे क्रासिंग के पास सड़क पर डिवाइडर लगा दी जाय एवं कम से कम दो ट्रैफिक पुलिस नियुक्त किया जाय तो काफी हद तक लोगो को समस्या से निजात मिल सकता हैं।
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