पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मुख्यालय टीम ने आज पटना जिले धनरुआ थाना के अवर पुलिस निरीक्षक को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते थाना परिसर से ही रंगे हाथ दबोचा है। इस दौरान रिश्वतखोर दारोगा ने निगरानी टीम पर चाकू से हमला कर दिया। जिसमें निगरानी टीम के एक कर्मी बुरी तरह से घायल हो गये। उन्हें पीएमसीएच रेफर किया गया है।
निगरानी थाना कांड संख्या- 023/18 के अनुसार धनरुआ थाना के मझनपुरा गांव निवासी स्व. शिवबालक भगत के पुत्र रमेश भगत ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी कि धनरुआ थाना कांड संख्या-078/18 में मदद करने के लिये रिश्वत की मांग की जा रही है।
इस शिकायत की पहले निगरानी ब्यूरो द्वारा सत्यापन कराया एवं सत्यापन के क्रम में र्श्वत मांगे जाने के प्रमाण पाये गए। आरोप सही पाये जाने के पश्चात उपरेक्त कांड अंकित कर ट्रैप की कार्रवाई करने हेतु अनुसंधानकर्ता पुलिस उपाधीक्षक प्रताप शंकर सिन्हा के नेतृत्व में एक धावा दल का गठन किया गया।
इस धावा दल ने आगे की कार्रवाई करते हुये नामजद अभियुक्त पुलिस अवर निरीक्षक नथुनी राम को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते धनरुआ थाना परिसर से ही रंगे हाथ दबोच लिया गया।
फिलहाल दबोचे गये पुलिस अवर निरीक्षक से निगरानी ब्यूरो पूछताछ कर रही है। इसके बाद उसे निगरानी-1 न्यायालय के समक्ष उपस्थित किया जायेगा।
छुरा से किया हमलाः जब निगरानी की टीम धनरुआ थाने के दारोगा नथुनी राम को गिरफ्तार करने पहुंची तो उसने हाथापाई शुरू कर दी। उसने अचानक ही सब्जी काटने वाले चाकू से हमला कर दिया। घटना में निगरानी टीम का एक सदस्य बुरी तरह से घायल हो गया। उसे पीएमसीएच रेफर किया गया है।
क्या है मामलाः धनरुआ के सतपरसा पंचायत के मुखिया लेम्बू पासवान और वार्ड सदस्य राजेश पाल के बीच मारपीट हुई थी। मामला सात निश्चय योजनाओं में किए जाने वाले काम को लेकर था।। दोनों पक्ष ने एक दूसरे पर मारपीट करने का आरोप लगाकर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
इस केस की जांच का जिम्मा नथुनी राम को सौंपा गया था। राजेश पाल सतपरसा पंचायत के मझनपुरा गांव के वार्ड नंबर 10 का सदस्य है। दारोगा नथुनी राम ने वार्ड सदस्य राजेश पाल से यह कहकर रिश्वत मांगी कि वह ₹20,000 दे तो केस को हल्का कर देगा। राजेश पाल के चाचा रमेश भगत ₹10000 लेकर मंगलवार को दारोगा नथुनी राम के आवास पर पहुंचे।
दारोगा नथुनी राम का आवास थाने की ही बिल्डिंग के तीसरे तले पर है। तीसरे तले पर जब रमेश भगत पैसे लेकर पहुंचा तो दारोगा और उसके बीच में पैसे को लेकर कुछ बकझक हुई। रमेश ने दारोगा को 10 हज़ार दिये। इसके तुरंत बाद ही निगरानी के दो सदस्य पहुंच गए।
निगरानी की टीम जब गिरफ्तार करने को आगे बढ़ी नथुनी राम ने हाथापाई शुरू कर दी। उसने मौके से फरार होने की कोशिश की। जब असफल रहा तो उसने टीम पर चाकू से हमला कर दिया। किसी तरह उसे काबू में किया गया।
थानेदार को नहीं थी जानकारीः धनरूआ थाना की बिल्डिंग में ऊपरी तल पर 10 मिनट तक मारपीट और हंगामा चलता रहा लेकिन थानेदार और यहां तक कि किसी स्टाफ को इसकी भनक तक नहीं लगी।
थानेदार अजय कुमार सिंह के मुताबिक उन्हें घटना की जानकारी नहीं थी। निगरानी की टीम कब पहुंची और कब यह सब घटनाक्रम हुआ इसकी उन्हें जानकारी नहीं हुई।
200 केस का रहा है आईओः दारोगा नथुनी राम 200 से अधिक केस को आईओ रहा है। पिछले 1 साल से वह यहां धनरुआ थाने में पदस्थापित था। वह मूल रूप से भभुआ का रहने वाला है। उसके खिलाफ पहले भी लोगों की शिकायत रही थी वह अपनी मनमानी करता था।
धनरुआ में पहले भी हुई है गिरफ्तारीः धनरुआ में इसके पहले भी रिश्वत के मामले में गिरफ्तारी हुई है। करीब डेढ़ साल पहले धनरुआ थाने के दारोगा कामेश्वर चौपाल को ₹9000 घूस लेते गिरफ्तार किया गया था।
इसी तरह से 9 से 10 महीने पहले धनरुआ के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी शिव शंकर चौधरी को 20 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था।