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राजगीर सिवरेज सिस्टम को लेकर उठे अहम सबाल, संयुक्ता ने की तत्काल जांच-कार्रवाई की मांग

राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिला अंतर्गत राजगीर नगर पंचायत कार्यालय द्वारा सिवरेज नेटवर्क से कनेक्शन हेतु जिस तरह के आवेदन पत्र भरवाये जा रहे हैं, वे शासन तंत्र पर कई अहम सबाल खड़ा करते हैं। 

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राजगीर नगर पंचायत कार्यालय द्वारा जारी आवेदन पत्र…..

राजगीर नगर पंचायत कार्यालय द्वारा जारी आवेदन पत्र में कहीं भी आधार कार्ड / वोटर कार्ड / बैंक पासबुक और होल्डिंग रसीद की प्रति संलग्न करने का जिक्र नहीं किया गया है।  फिर भी जबरन आवेदन पत्र में अंकित दस्तावेज की छाया प्रति लिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर किस खाता/प्लॉट में कनेक्शन लगना है, उसका कहीं कोई जिक्र नहीं है।

सबसे बड़ी बात कि सिवरेज कनेक्शन के बाद कितने रुपये टैक्स देनी होगी, वह भी मासिक या वार्षिक तौर पर अंकित नहीं है। व्यवसायिक कनेक्शन / दुकान का कनेक्शन या धर्मशाला का  कनेक्शन / होटल का कनेक्शन / सरकारी संस्थान का कनेक्शन या अन्य संस्थान के वर्गीकरण लुप्त है। कितने सीट पर कितने रुपये शुल्क होगी। टैक्स का प्रतिशत क्या होगा, यह भी नहीं बताया गया है।

क्या अवैध रूप से बसे हुए लोगों को भी कनेक्शन दे दिया जाएगा, यह भी नहीं बताया गया है। क्या वैसे लोग जो लोक भूमि पर मकान बनाकर रह रहे हैं और होल्डिंग टैक्स दे रहे हैं, क्या उन्हें भी कनेक्शन मिलेगा ? या स्वयं कनेक्शन जोड़ने का फरमान के तहत बिना आवेदन भरे ही कनेक्शन कर लेगा और उसका उपयोग करेगा।

इसी तरह क्या जो अधिसूचना के पूर्व ही अवैध रूप से कनेक्शन कर लिया है, वह भी नियमित  होगा। जो अधिसूचना के पूर्व ही अवैध रूप से विधि विरुद्ध स्वंय कनेक्शन कर लिया है, वैसे लोग भी कनेक्शन के लिये आवेदन पत्र भरेगा। आखिर वैसे लोग क्यों कनेक्शन लेगा। नगर पंचायत को वे क्यों सूचना देगा, आवेदन भरेगा और अतिरक्त टैक्स क्यों देगा।

श्री शक्ति मंच राजनीतिक दल की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं मशहूर कवियत्रि संयुक्ता कुमारी ….

श्री शक्ति मंच राजनीतिक दल की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं मशहूर कवियत्रि संयुक्ता कुमारी कहती हैं कि राजगीर नगर पंचायत कार्यालय द्वारा सिवरेज कनेक्शन के आवेदन पत्र की खामियां समूची व्यवस्था को नंगा करने वाली है। इससे अमीर प्रभावशाली लोग चांदी काटेगें और गरीब असहाय वर्ग के लोग लाभ से बंचित कर दिये जायेगें।

श्री संयुक्ता कुमारी आगे कहती है कि आवेदन पत्र में खाता-प्लॉट नंबर तक का उल्लेख नहीं किया जाना साफ स्पष्ट करती है कि ये लोक भूमि पर काबिज बड़े भूमाफियाओं को प्रशासनिक प्रमाण पत्र देने की सोची-समझी शाजिश है।

उन्होंने राज्य व केन्द्र सरकार से पूरे मामले में प्रशासन द्वारा की जा रही व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच-कार्रवाई कर पारदर्शिता के साथ योजना की अमल करने की मांग की है।   

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