Home देश राजगीर रेलवे स्टेशनः जहां खुले में शौच को विवश हैं लाखों पर्यटक-यात्री!

राजगीर रेलवे स्टेशनः जहां खुले में शौच को विवश हैं लाखों पर्यटक-यात्री!

“ऐसे में भारतीय रेलवे उन्हें कौन सा संदेश देना चाहती है। सिर्फ स्टेशनों प्लेटफार्मों एवं टिकटों पर स्वच्छता का संदेश लिख देने मात्र से वातावरण स्वच्छ नहीं हो जाएगा, बल्कि उसके लिए कोई ठोस व कारगर कदम उठाना पड़ेगा।“

बिहारशरीफ (राजीव रंजन)।  नालंदा जिले के अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर रेलवे स्टेशन पर एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है, जिसका इस्तेमाल आम आदमी या पर्यटक द्वारा किया जा सके।

rajgir railway stationरेलवे द्वारा बहुत पहले लगभग 80 के दशक मे एक शौचालय बनवाया गया था, जो हमेशा बंद ही रहता है।

ऐसे में हम किस आधार पर राजगीर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की परिकल्पना कर सकते हैं। जबकि यहां से हर दिन दर्जनों ट्रेनें खुलती है। 

राजगीर से दिल्ली, सारनाथ, गया, तिलैया, फतुहां व कोलकाता आदि जगहों के लिए सीधी ट्रेनें खुलती है।

प्रतिदिन लाखों की आमदनी देने वाला इस रेलवे स्टेशन द्वारा यात्रियों एवं पर्यटकों को शौच की कोई विशेष सुविधा मुहैया नहीं कराया गया है। नतीजन रेल से सफर करने वाले यात्रियों को मजबूरन रेलवे ट्रैक पर या खुले में शौच करना पड़ता है।

यह उनकी आदत नहीं बल्कि शौचालय के अभाव में विवशता है। वहीं राज्य सरकार भी नालंदा जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास में लगी हुई है। मगर स्टेशन की तरफ किसी का ध्यान आकर्षण ही नहीं है।

प्राचीन पंच पहाड़ियों से घिरे महाभारतकालीन ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी होने के कारण हर दिन यहां हजारों देशी विदेशी पर्यटकों व डेलीगेटों का आना जाना लगा रहता है।

पर्यटन विभाग के अनुसार वर्ष 2014 में 2 करोड़ 25 लाख  24 हजार 376 देशी पर्यटक एवं 8 लाख 29 हजार 508 विदेशी पर्यटक राजगीर आए।  वहीं वर्ष 2015 में 2 करोड़  80 लाख देशी व 9 लाख 23 हजार विदेशी पर्यटक राजगीर पहुंचे। वर्ष  2016 मे 2 करोड़ 50 लाख देशी पर्यटक व 10 लाख 10 हजार 521 विदेशी पर्यटक राजगीर आये । 

सरकार स्वच्छता के नाम पर टैक्स वसूलती है। उस अनुरूप लोगों को सुविधा भी मुहैया करानी चाहिए। केंद्र सरकार स्टेशन को एयरपोर्ट बनाने और बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बना रही है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में लोगों के पॉकेट पर बोझ बढ़ाना कहीं रेलवे की नियत तो नहीं बन गई है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version