नालंदा (राम बिलास) । राजगीर नगर पंचायत की चुनावी प्रक्रिया पुरी हो गई है। 19 वार्ड वाले इस नगर पंचायत में 14 नए चेहरे चुनाव जीतकर आए हैं। इनमें दो छोड़ सभी युवा हैं। इन नए वार्ड पार्षदों में नई जोश, नया उमंग और जुनून देखने को मिल रहा है। उनमें कुछ करने की ललक व तमन्ना साफ झलकते हैं।
हालांकि, इन वार्ड पार्षदों के समक्ष कई चुनौतियां हैं। उनमें दो प्रमुख चुनौतियां हैं। एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शीघ्र नगरवासियों को कनेक्शन दिलाना और दूसरा मलमास मेला सैरात भूमि पर से अतिक्रमण हटवाना। इसके अलावे पेयजल संकट, सफाई, लोक भूमि पर अतिक्रमण, पूर्व में किए गए घोटालों की जांच एवं अन्य चुनौतियां है।
अब देखना है कि नए वार्ड पार्षद और नगर पंचायत की नई सरकार इन समस्याओं को चुनौती के रुप में स्वीकार करती है या आया राम-गया राम वाली कहावत को चरितार्थ करती है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
दलीय आधार पर जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन के ख्याल से करीब 12 पार्षद महागठबंधन से जुड़े हैं। 7 प्रत्याशी विपक्षी दल भाजपा से जुड़े हैं।
अब देखना है नगर पंचायत का नया मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद किस गठबंधन से चुने जाते हैं। मिल रही जानकारी के अनुसार मुख्य पार्षद के लिए महागठबंधन के जदयू समर्थित चौथी बार चुनाव जीती उर्मिला देवी के नाम की चर्चा सबसे ऊपर है।
दूसरे नंबर पर निवर्तमान उप मुख्य पार्षद एवं कांग्रेस नेता श्यामदेव राजवंशी की धर्मपत्नी मुन्नी देवी का भी नाम आ रहा है।
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए प्रत्याशियों की संख्या 7 है। भाजपा भी जोड़ तोड़ की राजनीति में किसी से कमजोर नहीं है। यदि इस ग्रुप को जोड़ तोड़ की राजनीति में सफलता मिली तो इस दल से जुड़ी रुक्मिणी देवी के किस्मत का पिटारा खुल सकता है, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
दोनों गठबंधन के लोग अपने अपने स्तर से मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के चयन में लग गए हैं। अब देखना है कि इस ग्रुप को कहां तक सफलता मिलती है। किसके सिर पर मुख्य पार्षद का सेहरा बांधा जाएगा। नगरवासी बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं।