एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। झारखण्ड कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार ने रघुवर सरकार पर मोमेंटम झारखंड की आड़ में जनता की गाढ़ी कमाई को दोनों हाथों से लूटा देने का बड़ा आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि तीन करोड़ रुपये केवल प्रेस विज्ञप्ति बनाने पर खर्च कर दिये गये, वह भी बिना टेंडर के। एड फेक्टर नामक कंपनी को यह काम सौंपा गया। प्रेस विज्ञप्ति बनाने का काम पहले से सरकार की नॉलेज पार्टनर के रुप में कार्यरत कंपनी आरनेस्ट एंड यंग की ओर से किया जा रहा था, इसी काम के लिए सरकार का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग भी लगा हुआ है। टेंडर के स्थान पर आरएफपी (रिक्वेस्ट फोर प्रपोजल) के तहत तीन करोड़ रुपये का करार हुआ। भुगतान लेकर कंपनी फरार हो गई।
उन्होंने कहा कि मोमेंटम झारखण्ड में अतिथियों को ले आने- ले जाने में चार्टड विमान के उपयोग पर 1.40 करोड़ रुपये खर्च किये गये, जिनमें 79 यात्रियों के लिए 14 उड़ाने भरी गयी। जिनसे सिर्फ 3.17 लाख रुपये की वसूली ही किराये के रुप में की गयी, यात्रियों के लिए 180 सीटर चार्टड विमान किराया पर लिया गया था।
उन्होंने बताया कि मोमेंटम झारखण्ड के चंद दिनों पहले बनी कंपनी से सरकार ने 1900 करोड़ का एमओयू किया। जिसकी कुल पूंजी एक लाख रुपये की है। परसा एग्रो प्रा लिं. फरवरी 2017 में निबंधित कंपनी ने 400 लोगों को रोजगार देने का वायदा किया है, और तो और 6400 करोड़ रुपये का एमओयू खान एवं भूतत्व विभाग से करनेवाली कंपनी सीवीक्स हाउसिंग प्रा.लि., न तो मिनिस्टरी आफ कारपोरेट अफेयर्स से रजिस्टर्ड है, न ही इसका कोई अपना वेबसाइट है।
सरकार के द्वारा जारी किये गये लेटर आफ इंटेट में अंकित पता सरबजीत सिंह डारेक्ट सीवीक्स हाउसिंग प्रा. लि., 10 पार्लियामेंट स्ट्रीट नई दिल्ली दर्शाया गया है। इस पते पर केन्द्र सरकार के फाइनांस डिपार्टमेंट का आफिस कार्यरत हैं।
उन्होंने बताया कि एक लाख की पूंजी से चार महीने पहले बनी पंचकूला की कंपनी से भी करार किया गया। शहरी विकास एवं आवास विभाग ने 7000 करोड़ रुपये का एमओयू सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट, ग्रिन हाउसिंग सोल्यूशन पर काम करने एवं 3500 लोगों को सीधा रोजगार देने का वादा किया।
उन्होंने कहा कि मोहम इंफोसोल्यूशन प्रां. लि. के साथ झारखण्ड सरकार के तीन विभाग ने 3800 करोड़ रुपये के तीन एमओयू किये, जबकि इस कंपनी की कुल जमा पूंजी एक करोड़ रुपये की है। पर्यटन, कला, संस्कृति, खेल एवं युवा मामले के विभाग ने होटल व अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेन्टर बनाने के लिए 1051 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य विभाग ने हास्पिटल प्रोजेक्ट के लिए 1000 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य विभाग ने हास्पिटल प्रोजेक्ट के लिए 1000 करोड़ रुपये के अलग-अलग एमओयू किये हैं।
उन्होंने कहा कि एमएस ओरियेन्ट कराफ्ट फैशन पार्ट और एलएलपी नामक पार्टनरशिप फर्म के साथ 2900 करोड़ रुपये का एमओयू किया गया। फर्म को इरबा और खेलगांव में 28 एकड़ और 113 एकड़ की जमीन भी दे दी जाती है।
चौंकानेवाली बात यह है कि एमओयू से ठीक 39 दिन पहले बने मिनिस्टरी ऑफ कारपोरेट अफेयर्स के द्वारा 3 फरवरी को लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट 2008 के तहत फर्म का निबंधन हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सिर्फ एमओयू करने एवं जमीन लेने के लिए ही कंपनियां तो नहीं बनायी गई है।