रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड सूबे में भाजपा नीत रघुबर सरकार के कृषि मंत्री रंधीर सिंह ने एक बार फिर से पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की है।
उन्होंने कहा कि वो लोग बीजेपी को तेल नहीं लगाएंगे बल्कि बीजेपी उन लोगों को तेल लगायेगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि वो पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे हैं बल्कि वो उनसे जुड़ी जनता के लिए काम कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
हालांकि मंत्री रंधीर सिंह ने सभा से पहले सभी को मोबाइल बंद करने को कहा था, लेकिन भीड़ में किसी ने चुपके से सारा मामला रिकॉर्ड कर लिया।
मामले पर ज्यादा जानकारी के लिए मंत्री रंधीर सिंह से बात की कोशिश की गयी। लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी। उनका मोबाइल पहुंच से बाहर बता रहा था।
जेवीएम से बीजेपी में आए हैं रंधीर सिंह
2014 में जब सरकार का गठन हो रहा था। उस वक्त जेवीएम से पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्हीं में से एक थे रंधीर सिंह।
रंधीर सिंह सारठ से विधायक हैं। दलबदल के मामले में विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।
झाविमो छोड़कर भाजपा में आने वाले विधायकों में आलोक चौरसिया, अमर बाउरी, जानकी यादव, गणेश गंझू और नवीन जायसवाल शामिल हैं।
क्या है नाराजगी की वजह
बताया जाता है कि दलबदल मामले की कार्रवाई को लेकर वह सरकार से नाराज चल रहे हैं। स्पीकर ने उनके 43 गवाहों को अमान्य करार दे दिया है और झाविमो पक्ष के सभी गवाहों को सुना जा रहा है।
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भी बात नहीं करते हैं। जब भी उनसे इस मामले में कुछ कहा जाता है तो उनकी दलील होती है की मामला स्पीकर के क्षेत्र का है।
भाजपा में जाते ही सीधे बन गये मंत्री
रणधीर सिंह पहली बार देवघर जिले के सारठ विधानसभा सीट से जेवीएम की टिकट से इलेक्शन जीतकर आये थे। विधायक बनने के बाद भाजपा में शामिल हो गये। उनकी किस्मत इतनी अच्छी थी की रघुवर सरकार में सीधा कृषि मंत्री बना दिया गया।
रंधीर सिंह को तकलीफ इस बात की है कि उनके साथ जेवीएम के पांच अन्य विधायक साथियों ने मिलकर 2014 में हुए विधानसभा इलेक्शन के बाद बीजेपी का दामन थामा, लेकिन अब उनकी कोई सुन नहीं रहा।
फिलहाल तो बीजेपी में हैं, लेकिन आगे का पता नहीं
रणधीर सिंह ने दावा किया है कि उनकी वजह से बीजेपी राज्य में स्थायी सरकार बनाने में सफल भी हुई। स्थायी सरकार बनाने के लिए प्रदेश भाजपा के नेताओं ने दिल्ली तक की दौड़ लगायी थी, लेकिन अब उनकी मुसीबत की घड़ी में कोई साथ नहीं दे रहा।
झाविमो में वापसी के सवाल पर वह कहते हैं कि फिलहाल भाजपा में हैं लेकिन आगे का कुछ पता नहीं। स्किल समिट में गैरमौजूदगी के बारे में उन्होंने सफाई दी है कि कोर्ट में पेशी की वजह से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये।