पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। बिहार में मुजफ्फरपुर ‘महापाप’ की घटना तथा नीतीश मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों के इस्तीफे की मांग को लेकर वाम दलों ने बिहार बंद का आयोजन किया था। इस बंद को राजद, कांग्रेस, हम, समाजवादी पार्टी और लोकतांत्रिक जनता दल ने भी खुला समर्थन दिया था। बंद के समर्थन में विपक्षी दल के समर्थक व कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर निकल आए।
सुबह दस बजे तक राज्य के लगभग सभी जिलों में बंद का उतना असर नहीं दिख रहा था। दस बजे के बाद बंद का प्रभाव धीरे-धीरे गहराता चला गया। बंद समर्थक अपने घरों से निकल कर जगह-जगह सड़क जाम, प्रदर्शन करने लगे।
बंद के दौरान राजधानी पटना में बंद समर्थकों से पुलिस की हल्की झड़प हुई। पटना के गांधी मैदान से निकले बंद समर्थकों के जत्थे को पुलिस ने रोकना चाहा लेकिन प्रदर्शनकारी नही रूके।
पुलिस और बंद समर्थकों के बीच हाथापाई भी हो गई। जब पुलिस ने बंद को रोकना चाहा तो बंद समर्थक उग्र हो गए। बंद समर्थकों में महिलाएं भी थी। पुलिस ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा।
पटना के गांधी मैदान से निकला बंद समर्थकों का जत्था हाथ में बैनर लिए और नारा लगाते हुए डाकबंगला चौराहे की आगे बढ़ रहे थे। बंद समर्थकों ने नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
वाम दलों के प्रभाव वाले जिलों में खासकर नवादा, जहानाबाद,सीवान, छपरा, बेगूसराय में बंद का व्यापक असर देखा गया।
राजद कार्यकर्ता ने भी किशनगंज में बस स्टैंड के समीप एनएच 31 को जाम कर प्रदर्शन किया तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलनकारियों ने मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में एनएच 107 मुख्य मार्ग पर बेंगापुल को जामकर प्रदर्शन किया।
मधेपुरा शहर के कर्पूरी चौक को भी जाम कर प्रदर्शन किया गया। सुपौल में भी बंद के समर्थन में विपक्ष सड़क पर उतरा।
दरभंगा में दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 527 बी को दड़िमा चौक पर जाम कर दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग 57 को भी सिमरी थाना चौक पर बंद समर्थकों ने जाम रखा।
मधुबनी में बिहार बंद आंदोलन के दौरान रहिका-मधुबनी, रहिका-जयनगर, रहिका-दरभंगा (एन एच 105) पर वाहनों की कतार लग गई। बंद समर्थकों ने सीतामढ़ी के मेहसौल चौक पर भी सड़क जाम किया।
मोतिहारी में वाम दलों की बंदी के कारण मीना बाजार में जाम की स्थिति बन गई। मोतिहारी में वाम दलों की बंदी के समर्थन में समाजवादी पार्टी भी उतरी।
मुजफ्फरपुर में बालिका गृह कांड के दोषियों को फांसी की मांग को लेकर भाकपा माले व अन्य दलों ने जुलूस निकाला। यहां बंद का अधिक असर देखा गया।
बिहार बंद का असर रेल सेवाओं पर पड़ा। जहानाबाद में बंद समर्थकों ने पटना-रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस को रोका तो दरभंगा में राजद और माकपा कार्यकर्ताओं ने बिहार संपर्क क्रांति को रोक दिया।
मधुबनी में भी गंगासागर एक्सप्रेस को बंद समर्थकों ने रोका। इसके अलावा नालंदा, गया, शेखपुरा, जमुई में भी बंद समर्थकों ने बंद को असरदार बनाएँ रखा।
भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने बिहार बंद को अभूतपूर्व होने का दावा करते हुए कहा कि राज्य सरकार दलितों पर अत्याचार रोकने व महिलाओं को सुरक्षा देने में फेल हो चुकी है।
उन्होंने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सीबीआइ की जांच की मॉनीटरिंग पटना हाईकोर्ट से कराने, टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और नीतीश सरकार के दो मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की।
इधर माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि बिहार बंद को सफल बनाने के लिए जनता भरपूर सहयोग कर रही है। बिहार व केंद्र की एनडीए सरकार में दलितों, महिलाओं एवं कमजोर वर्गों पर अत्याचार बढ़ा है।
नीतीश सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। भाकपा के सचिव सत्य नारायण सिंह ने बिहार बंद को सफल बनाने के लिए महागठबंधन समेत अन्य दलों के प्रति आभार व्यक्त किया।
जब बिहार में बंद के दौरान सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ तमाम विपक्षी पार्टियों का उग्र प्रदर्शन जारी था। उसी समय दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर कांड को लेकर सख्त टिप्पणी कर रही थीं।
बिहार बंद की सफलता के बाद प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि वे मुजफ्फरपुर मामले में सीएम का मुँह खुलवाकर ही दम लेंगे।