मुख्य सचिव ने की उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग की समीक्षा

    बेहतर रिजल्ट के लिये जिलावार कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश

    रांची। झारखंड सरकार के मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा ने निर्देश दिया है कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में हेल्थ चेकअप कैंप के लिये सभी बीआरपी और सीआरपी को स्कूलों के साथ टैग करें और सुनिश्चित करें कि प्रत्येक माह की निर्धारित तारीख को प्रत्येक स्कूल में हेल्थ चेकअप कैंप लगाया जाय।

    उन्होंने निर्देश दिया कि ड्रॉप आउट बच्चों को पुनः स्कूल में वापस लाने के लिये स्कूलों के साथ बीआरपी / सीआरपी को टैग किया जाये।

    वे आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्कूली शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ सभी जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दे रही थी।

    श्रीमती वर्मा ने निर्देश दिया कि राज्य में बच्चों का शुन्य ड्रॉप आउट हो इसके लिये बीईओ, सीआरपी, बीआरपी को जवाबदेह बनाया जाये तथा सभी विद्यालयों को किसी न किसी पदाधिकारी के साथ टैगिंग करें।

    उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में 100 प्रतिशत एनरोलमेंट हो गया है, उन स्कूलों से प्रमाण पत्र लें तथा जिनका एनरोलमेंट नहीं हो पाया है, वहां इसके कार्यान्वयन के कार्य में तेजी लायी जाय। उन्होंने कहा कि अभी भी बड़ी संख्या में छात्रों के आधार का संग्रह नहीं किया गया है तथा आधार के साथ सीडिंग नहीं हो पाई है।

    बैठक में विभाग द्वारा मुख्य सचिव को जानकारी दी गई कि अब तक कुल 73 लाख 9500 आधार का संग्रह किया जा चुका है,जो करीब कुल छात्रों का 95 प्रतिशत है तथा अब तक 69 लाख से ज्यादा छात्रों के खाते खोले गये हैं, जिनमें से 53 लाख 9851 छात्रों को आधार सीडिंग किया जा चुका है।

    मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सभी स्कूलों में निरीक्षण पंजी दी जाये तथा निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी निरीक्षण के दौरान उस पंजी में पूर्ण विवरण अंकित करें। उन्होंने कहा कि सभी जिला ऐसी कार्ययोजना बनायें, जिसके तहत अलग अलग टीम बनाकर यह सुनिश्चित किया जा सके और प्रत्येक सप्ताह प्रत्येक स्कूल का एकबार निरीक्षण किया जाय। उन्होंने खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि जहां जहां बच्चों की संख्या नगण्य हैं, उन स्कूलों को नजदीक के स्कूल में विलय किया जाये। अगर कोई जनप्रतिनिधि आपत्ति दर्ज कराते हैं तो आपत्ति दर्ज करने के बाद संभावित तथ्यों की जांच के उपरांत विलय किया जाय। परीक्षाफल में सुधार हेतु निर्देश दिया गया कि विभाग द्वारा प्रेषित एसओपी के गाईड लाईन के अनुसार कार्य किये जायें तथा इसकी पूर्ण जवाबदेही डीईओ की होगी। एसओपी की छायाप्रति सभी स्कूलों में वितरित की जाये ताकि निर्धारित मानदंडों के अनुसार छात्रों को शिक्षित किया जा सके।

    मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सभी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से हो, इसके लिये बायोमैट्रिक उपकरण अधिष्ठापित किया जाना चाहिये। विदित हो कि अब तक विभाग द्वारा प्लस तक के 1952 स्कूलों में उपकरण अधिष्ठापित किये जा चुके हैं।

    उन्होंने निर्देश दिया कि प्लस-2 के स्कूलों में अलग से प्रयोगशाला और पुस्कालय हेतु पीरियड प्रारंभ किया जायें ताकि छात्र प्रायोगिक तौर पर भी शिक्षित हो सकें। उन्होंने सभी डीईओ  को निर्देश दिया कि जिन स्कूलों के पास जमीन उपलब्ध है उन स्कूलों में बॉलीबॉल कोर्ट, फुटबॉल ग्राउंड और हॉकी की टीम तैयार की जाये। साथ ही इन्टर स्कूल प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाय ताकि स्कूलों में खेलों के प्रति छात्रों को प्रोत्साहित किया जा सके। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक स्कूल से तीन अलग अलग खेलों में छात्र-छात्राओं की कुल 6 टीम तैयार की जानी चाहिये तथा टीम हेतु विभाग की ओर से स्पोर्ट्स ब्लेजर दिये जायें।

    मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूल प्रबंधन समिति जो सक्रिय नहीं हैं, ऐसी एसएमसी को भंग कर पुनगर्ठन किया जाये तथा स्कूलों में उनकी भूमिका को लेकर उन्हें प्रशिक्षित करने के लिये प्रखंड स्तर पर सम्मेलन/वर्कशॉप का आयोजन कराया जाय।

    बैठक शिक्षा विभाग के सचिव श्रीमती आराधना पटनायक, श्री मुकेश कुमार, श्री मनीष रंजन सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

     

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