“इतनी भारी वजन वाली कंक्रीट स्लीपर को उठाकर ट्रैक पर एक-दो युवा नहीं रख सकते। इस काम में कम से कम दस से अधिक लोगों का बल लगा होगा। दिन के ऊजाले में ट्रैक पर कंक्रीट स्लीपर रखने का मकसद पीडब्लूआई को समझ में नहीं आ रहा।अधिकारी जो भी समझें, लेकिन यह तो सच है कि सिरफिरे युवाओं की मंशा गलत थी।“
फतुहा-इस्लामपुर रेलखंड पर हिलसा स्टेशन से दक्षिण दिशा में रेलवे ट्रैक पर युवा सिरफिरों का एक झुंड पहुंचा। थोड़ी देर इधर-उधर झांकने के बाद सिरफिरे युवाओं का झुंड ट्रैक के पूरब किनारे में रखे कंक्रीट स्लीपर को उठाकर ट्रैक पर रखकर दक्षिण दिशा की ओर चलते बना।
अपने घर की छत पर धूप ताप रही एक महिला सिरफिरे युवओं की इस करतूत को पेशोपेश में पड़ गई। अनहोनी की आशंक भांप महिला अपने पति को फोन कर सिरफिरे युवाओं की करतूत की जानकारी दी।
महिला के पति अपने ईष्ट मित्रों को जानकारी देते हुए रेलवे को खबर कर देने का अनुरोध किया। महिला की सूचना पाते ही स्टेशन प्रबंधक अनिल शर्मा अधीनस्थ कर्मियों के अलावा संबंधित अधिकारियों को न केवल खबर देते दी।
सूचना मिलते ही मौके पर पीडब्लूआई कमलेश कुमार अकेले ही ट्रैक की ओर दौड़ पड़े। श्री कुमार को दौड़ते देख रेलवे ट्रैक से गुजरे रहे कुछ युवक भी दौड़े।
थोड़ी दूर जाने के बाद ट्रैक पर रखे कंक्रीट स्लीपर को देख श्री कुमार रुके और साथ पीछे से दौड़कर आए युवाओं के सहयोग से कंक्रीट स्लीपर को हटाने के बाद राहत की सांस ली।
ट्रैक से गुजरने वाली पटना-इस्लापुर सवारी गाड़ी
सिरफिरे युवाओं का जत्था जिस समय रेलवे ट्रैक पर कंक्रीट स्लीपर रखा था उस समय पटना से इस्लामपुर की ओर जाने वाली सवारी गाड़ी के हिलसा आने की सूचना हो चुकी थी।
दनियावां से सवारी गाड़ी के हिलसा आने की खबर के बीच ट्रैक पर कंक्रीट स्लीपर रखे जाने की सूचना से स्टेशन प्रबंधक परेशान हो गए।
बाबजूद इसके संयमित तत्परता से समय रहते ट्रैक से कंक्रीट स्लीपर को हटवा दिया गया। अगर अनजाने में ट्रेन से हिलसा से खुल जाती हो दुर्घटना होने से कोई नहीं बचा सकता था।
कौन था सिरफिरा और क्यों रखा ट्रैक पर कंक्रीट स्लीपर!
रेलवे ट्रैक पर कंक्रीट स्लीपर रखने वाला सिरफरों में कौन शामिल था और उसका मकसद क्या था? ऐसे ही चंद सवालों से बोझिल है रेलवे अधिकारियों का दिमाग।
मौके पर पहुंचे पीडब्लूआई कमलेश कुमार की माने तो कंक्रीट स्लीपर रेलवे ट्रैक से करीब सात फीट की दूरी पर रखा हुआ था।
अब सवाल उठता है कि ऐसे कृत्य किस सिरफिरों ने की और इसके पीछे किसका दिमाग है इसका खुलासा तो मामले की गहराई से छानबीन के बाद ही पता चलेगा।