“बात जब विभागीय स्तर की होती है तो उसके रहनुमा अधीनस्थ कर्मचारी को हुआं हुआं कर इस कदर सटका देते हैं कि उनकी जुबान विभाग के साथ चलता रहे।”
बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। कुछ ऐसा ही मामला नवादा जिले के वारिसलीगंज स्थित मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के कैंप शाखा में हुआ है। वहां आदेशपाल के पद पर कार्यरत सागर राम के निलंबन का मामला प्रकाश में आया है।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ की टीम ने जब इस मामले की छानबीन शुरु की तो निलंबन के दिन वहां मौजूद ग्राहकों से पता चला कि सागर राम के निलंबन में जो आरोप मढ़ा गया है, वह सरासर झूठा आरोप है।
प्रत्यक्षदर्शी खाताधारी सरयुग सिंह के पुत्र भगवान दास, जिसका खाता संख्या 73060700026311 है, उसका कहना है कि उसके पिता, जो एक वरिष्ठ नागरिक हैं और 60 साल की उम्र पार कर चुके हैं। उन्हीं को लेकर बैंक से पैसा निकालने के लिए गए थे, लेकिन पैसा भी नहीं मिला।
वरीय पदाधिकारी के अभद्र व्यवहार का वहां कार्यरत आदेशपाल सागर राम ने जब विरोध किया तो उन्हें ही निलंबित कर दिया गया एवं इन पर जो आरोप लगाया जा रहा है वह सरासर गलत है।
दूसरे खाताधारी शंकर रावत, जिसकी खाता संख्या 730607000 है, वह बैंक के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बैंक में मौजूद वरीय पदाधिकारी के द्वारा ग्राहकों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है।
सागर राम के निलंबन की बाबत उसने बताया कि जो आरोप मढ़कर वरीय पदाधिकारी के द्वारा निलंबित किया गया है, वह आरोप सरासर गलत है और बैंक में किसी तरह का कोई गाली गलौज कार्यरत आदेशपाल के द्वारा वरीय पदाधिकारी के साछ नहीं किया गया।
जब नवादा मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के मुख्य शाखा के आरडीएमसी गुप्ता से सागर राम के निलंबन की जानकारी पूछी तो उन्होंने बताया कि यह बैंक का निजी मामला है, बैंक अपना काम कर रही है।
निलंबित आदेशपाल सागर राम ने एक्सपोर्ट मीडिया न्यूज़ को बताया कि बैंक में मौजूद कैशियर के द्वारा ग्राहकों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। जिसका विरोध करने पर मुझे निलंबित कर दिया गया।
आदेशपाल का आरोप है कि बैंक में कार्यरत वरीय पदाधिकारी अपने घरेलू कार्य करने के लिए कहते हैं,जिसका विरोध करने पर मुझे एक साजिश के तहत निलंबित कर दिया गया और हम पर जो आरोप मारा गया वह सरासर झूठ है और एक साजिश है।